तेलंगाना पर कांग्रेस का वाज़िह मौक़िफ़, सिर्फ़ वक़्त का इंतिज़ार

नई दिल्ली,31 जनवरी: बढ़ते हुए दबाव‌ के दौरान कांग्रेस ने आज कहा कि वो तशकील तेलंगाना के मुख़ालिफ़ नहीं लेकिन हुकूमत को फ़ैसले करने के लिए एक तरीका-ए-कार पर अमल करना होता है। पार्टी के तर्जुमान पी सी चाकू ने प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए कहा कि कांग्रेस रियासत तेलंगाना की तशकील की मुख़ालिफ़ नहीं। फ़ैसले का तरीका-ए-कार इख़तियार करलिया गया है, लेकिन तशकील की हनूज़ तकमील बाक़ी है।

इन का तबसिरा एक ऐसे वक़्त मंज़रे आम पर आया जबकि तेलंगाना के अरकान-ए-पार्लीमैंट पार्टी की सदर सोनीया गांधी को, अपने मक्तूबात अस्तीफ़ा अलहदा रियासत की आजलाना तशकील के लिए सपुर्द करने, मुलाक़ात के मुंतज़िर हैं। चाकू का इबतिदाई जवाब ये था कि तेलंगाना के बारे में पार्टी का मौक़िफ़ हर एक जानता है और फ़ैसले का ऐलान करने के लिए सिर्फ़ वक़्त का इंतिज़ार है।

इस सवाल पर कि वाज़िह तौर पर बताएं कि क्या इस का मतलब ये हैकि अलहदा रियासत तेलंगाना का ऐलान किया जाएगा और ये सिर्फ़ कुछ देर की बात है। कांग्रेस के तर्जुमान ने जवाब देते हुए कहा कि आप सही कह रहे हैं। हम ने मौक़िफ़ इख़तियार करलिया है। पार्टी का मौक़िफ़ बिलकुल वाज़िह है लेकिन जो भी फ़ैसला किया जाये इस के लिए दस्तूरी ज़िम्मेदारीयों की तकमील करना ज़रूरी है।

अख़बारी नुमाइंदों ने चाकू पर सवालात की बौछार करदी कि क्या उन के बयान का ये मतलब है कि कांग्रेस अलहदा तेलंगाना की ताईद में है। चाकू ने तेज़ी से वज़ाहत की कि वो सिर्फ़ वही बात कह रहे हैं कि पार्टी तेलंगाना के ख़िलाफ़ नहीं थी लेकिन साथ ही साथ उन्होंने पुरज़ोर अंदाज़ में ये भी कहा कि बाअज़ रस्मी कार्यवाईयों की तेलंगाना मसले पर तकमील बाक़ी है।

कांग्रेस के एक सीनीयर क़ाइद ने अपनी शनाख़्त पोशीदा रखने की शर्त पर कहा कि ये सिर्फ़ हा‍ या नहीं का मामला नहीं है और कई मुताल्लिक़ा मसाइल जैसे हैदराबाद के मुक़ाम का ताय्युन और आंध्रा प्रदेश असेम्बली की क़रारदाद का हुसूल बाक़ी हैं। चाकू के तबसरे नुमायां एहमीयत के हामिल हैं क्योंकि ये एक ऐसे वक़्त पर मंज़र-ए-आम पर आए हैं जबकि पार्लीमैंट का बजट इजलास सिर्फ़ एक माह बाद मुक़र्रर है और पार्टी को यू पी ए की दूसरी मीयाद के दौरान अपने अरकान को यकजा रखना ज़रूरी है।

आंध्रा प्रदेश अब वाहिद बड़ी रियासत है जहां कांग्रेस अपने बलबूते पर बरसर-ए-इक़तिदार है, लेकिन तेलंगाना मसले के इलावा वाई एस आर कांग्रेस का उरूज भी पार्टी के मुस्तक़बिल को बड़ी हद तक मुतास्सिर करचुका है। हाईकमान नुक़्सान का अज़ाला करने चंद इक़दामात पर मजबूर होगई है। चाकू ने सवालात की बौछार के जवाब में कहा कि हम इस के बारे में वाज़िह मौक़िफ़ रखते हैं लेकिन इस के लिए हमें वक़्त दरकार है।

हम ने दरवाज़े बंद नहीं किए हैं। हम खिला ज़हन रखते हैं। उन्हों ने इस इद्दिआ को मुस्तर्द कर दिया कि हुकूमत इस मसला पर ताख़ीर का हर्बा इख़तियार कररही है। उन्होंने कहा कि पार्टी और हुकूमत दोनों की सतह पर मुशावरत जारी है ताकि मसले की यकसूई जंगी ख़ुतूत पर की जा सके। हमें एतिमाद हैकि जलद ही ख़ुशगवार हल तलाश करलिया जाएगा।

हुकूमत एक दिन भी ज़ाए नहीं कररही है, मुशावरत जंगी ख़ुतूत पर जारी है। मर्कज़ी वज़ीरे दाख़िला सुशील कुमार शिंदे ने वाज़िह कर दिया कि तेलंगाना मसले की यकसूई के लिए मज़ीद मुहलत तलब नहीं की जाएगी। ज़राए इबलाग़ से बातचीत करते हुए मर्कज़ी वज़ीरे दाख़िला ने कहा कि मर्कज़ हस्सास अलहदा तेलंगाना रियासत मसले की यकसूई के लिए संजीदगी से सरगर्म है। ये एक इंतिहाई हस्सास मसला है इस लिए मर्कज़ ने मुशावरत के दौरान एहतियात का रवैय्या इख़तियार किया है।
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