तेलंगाना पर 4 सयासी जमातों ने हनूज़ राय नहीं दी

मर्कज़ ने आज कहा है कि वो आंधरा प्रदेश की सयासी जमातों का एक इजलास तेलंगाना मसला पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ के लिए उसी वक़्त तलब करेगा, जब तमाम सयासी जमातें अपनी राय पेश कर दें। साथ ही साथ नौजवानों से अपील की गई कि वो तेलंगाना काज़ के लिए अपनी जानें ज़ाय ना करें।

वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम ने कहा कि आंधरा प्रदेश में चार सयासी जमातों कांग्रेस, तेलगु देशम, एम आई एम और वाई एस आर कांग्रेस ने तेलंगाना पर अपनी राय हनूज़ नहीं दी है और उन्होंने अब तक पार्टी मौक़िफ़ के बारे में ज़हन नहीं बनाया है। चिदम़्बरम ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा है कि एलहदा तेलंगाना के बारे में फ़ैसला का मुतालिबा किया जा रहा है, जहां तक इन (वज़ारत-ए-दाख़िला) और हकूमत-ए-हिन्द का ताल्लुक़ है, हम चार सयासी जमातों से जिन्होंने अब तक अपनी राय नहीं दी, ये ख़ाहिश करते हैं कि जल्द अज़ जल्द ज़हन बनाते हुए अपनी राय से वाक़िफ़ करांए।

उन्होंने तवक़्क़ो ज़ाहिर की कि ये जमातें बहुत जल्द अस्बाती रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करेंगी। चिदम़्बरम ने कहा कि एक मर्तबा ये चार सयासी जमातें अपनी राय पेश कर दें तो फिर मर्कज़ आंधरा प्रदेश की तमाम आठ सयासी जमातों का एक इजलास तलब करने के लिए तैयार है।

वज़ीर-ए-दाख़िला ने कहा कि अलैहदा रियासत तेलंगाना का मुतालिबा करते हुए बाअज़ नौजवानों की ख़ुदकुशी के वाक़्यात से वो बा ख़बर हैं। उन्होंने किसी भी काज़ के लिए किसी को अपनी ज़िंदगी यूं ज़ाय ना करने की अपील की। वो नहीं समझते कि ऐसा करने से काज़ को आगे बढ़ाया जा सकता है।

इसके साथ साथ वो ख़ुदकुशी के हर वाक़िया के बारे में हक़ायक़ से वाक़िफ़ नहीं हैं। अगर ख़ुदकुशी का हर वाक़्या तेलंगाना से मुताल्लिक़ है तो फिर ये इंतिहाई अफ़सोसनाक है। उन्होंने कहा कि नौजवानों को इस बात के लिए रज़ामंद करना चाहीए या फिर वो ख़ुद इस हक़ीक़त को समझ जाएं कि इनकी ज़िंदगी काफ़ी क़ीमती है और किसी की जान जाने से किसी काज़ को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।

इसके बरअक्स ज़िंदा रहते हुए काज़ के लिए जद्द-ओ-जहद करना चाहीए। जब उन से पूछा गया कि चार सयासी जमातों से राय हासिल करने के लिए उन्होंने याददेहानी क्यों नहीं कराई?। चिदम़्बरम ने जवाब दिया कि वो चार जमातों से रब्त रखे हुए हैं। वो तहरीरी तौर पर मकतूब याददेहानी नहीं भेज सकते, लेकिन इन चार जमातों के साथ इन का रब्त बरक़रार है।

बी जे पी, टी आर एस, सी पी आई और सी पी एम ने पहले ही तेलंगाना पर अपना मौक़िफ़ वाज़िह कर दिया है, लेकिन माबक़ी चार जमातों ने हनूज़ अपना ज़हन तैयार नहीं किया है। इससे पहले सयासी जमातों का इजलास 5 जनवरी 2010 और 6 जनवरी 2011 को मुनाक़िद हो चुका है।

पी चिदम़्बरम ने उड़ीसा में इटालवी सय्याहों और मुक़ामी रुकन असेंबली के अग़वा के ताल्लुक़ से कहा कि दो माविस्ट मुसालहत कारों को वसीअ उल-नज़री का मुज़ाहरा करना चाहीए। उन्होंने कहा कि बी जे डी रुकन असेंबली को रिहा करने के लिए हुकूमत उड़ीसा ने बातचीत की पेशकश की है, लेकिन माविस्टों ने ताहाल रद्द-ए-अमल ज़ाहिर नहीं किया। उन्होंने तवक़्क़ो ज़ाहिर की कि बहुत जल्द इस मुआमले की यकसूई हो जाएगी।