चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि रियासत की तक़सीम आसान नहीं है। चीफ़ मिनिस्टर ने अपने चैंबर में मीडीया से बातचीत करते हुए कहा कि वो दस्तख़त करके तेलंगाना बिल को स्पीकर असेंबली एन मनोहर और सदर नशीन क़ानूनसाज़ कौंसिल डॉक्टर चकरा पानी को रवाना करचुके हैं, जो दो तीन घंटों में अरकान को दस्तयाब हो जाऐंगे।
उन्होंने कहा कि मुसव्वदा बिल में एसे कई अहम फ़िक़रे हैं, जिस पर तफ़सीली मुबाहिस और वोटिंग ज़रूरी है। मुसव्वदा बिल सिर्फ़ अंग्रेज़ी में है, जबकि बिल का तफ़सीली जायज़ा लेने के लिए तेलुगु और अंग्रेज़ी में इस का तर्जुमा करवाना है, ताकि अरकान को मुबाहिस में हिस्सा लेने के लिए आसानी होसके।
चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि सदर जमहूरीया हिंद ने मुसव्वदा बिल के साथ एक नोट भी रवाना किया है, जिस में आर्टीकल 371 डी में तरमीम का मश्वरह दिया है।
इन हालात में आर्टीकल 371 डी में तरमीम मुम्किन नहीं, क्यूंकि इस के लिए दो तिहाई अरकान की ताईद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि रियासत की तक़सीम के मसले पर तमाम जमातों के अरकाने असेंबली जमाती वाबस्तगी से बालातर होकर मुस्ताफ़ी होचुके हैं, एसे में आर्टीकल 371 डी की तरमीम का इमकान नहीं है।
उन्होंने कहा कि पीर को असेंबली में स्पीकर की ज़ेर क़ियादत बिज़नस एडवाइज़री कमेटी का मीटिंग होगा, जिस में तेलंगाना बिल पर मुबाहिस के लिए तमाम जमातों की राय हासिल करते हुए एजंडा तैयार किया जाएगा।
जब कि पानी की तक़सीम, बर्क़ी, तालीम और मुलाज़मतें वग़ैरा ऐसे मसाइल हैं, जिन पर तफ़सीली बेहस ज़रूरी है। 23 जनवरी तक मुसव्वदा तलंगाना बिल पर रियास्ती असैंबली अपनी राय पेश करदेगी या सदर जमहूरीया से मज़ीद वक़्त तलब किया जाएगा? के सवाल का जवाब देते हुए चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि मुबाहिस का आग़ाज़ होने दीजिए, वक़्त और हालात को पेशे नज़र रखते हुए फ़ैसले किए जाऐंगे, ताहम जितनी तेज़ी से मर्कज़ ने मुसव्वदा तलंगाना बिल को रियासत रवाना किया है, हम उतनी ही तेज़ी से उसे मर्कज़ रवाना करेंगे।