त्यौहारो के मौके पर अश्रार(बुरे लोग‌) को पुलिस की खुली छूट

हैदराबाद ०१ नवम्बर: शहर में अश्रार(बुरे लोग‌) को खुली छूट पुलिस ख़ामोश तमाशाई (तमाशा देखने वाले)जब जब तहवार आते हैं ऐसा लगता है कुछ होने वाला है , पुरसुकून शहरियों की नींदें हराम होजाती हैं । तारीख़ गवाह है जब भी हुकूमत का कंट्रोल इस के हाथ से ब्यूरोक्रेसी के हाथ चला जाता है इस तरह के वाक़ियात रौनुमा होते हैं ।

वर्ना क्या बात है हर थोड़े वक़फ़ा से कहीं ना कहीं मुसलसल(निरन्तर‌) अक़ल्लीयतों को निशाना बनाकर इमलाक को नुक़्सान पहूँचा या जा रहा है और एहतिजाज करने वालों पर बेजा दफ़आत लगाकर गिरफ़्तार किया जा रहा है । हम पहले भी मुतालिबा करचुके हैं और मज़ीद मुतालिबा(मांग‌) करते हैं कि 1985 से लेकर आज तक जो पुलिस अहदयादर हैदराबाद में मुलाज़मत कर रहे हैं फ़ौरी तो रपर इन का तबालदा किया जाय और ऐसे ओहदेदारों की फ़हरिस्त डी जी पी से एक मुलाक़ात पर यूनाईटेड फ़ोर्म की जानिब से हवाले की गई थी जिस के बाद ये ओहदेदार आज तक शहर का बाहर रुख नहीं किए हैं और अगर ओहदेदार इतने जाँबाज़ हूँ तो उन्हें हुकूमत नकसलाईट इलाक़ों में ताय्युनात(मदद‌) क्यों नहीं करती ।

हुकूमत को इस पर ग़ौर करना चाहीए । आख़िर वो कौनसी चीज़ है जो आज तक उन्हें शहर के बाहर मुलाज़मत नहीं की । जिस में ए सी पी ऐडीशनल डी सी पी-ओ-दीगर शामिल हैं । दूसरे बड़े ओहदेदार भी हैं जो अपने आप को अमन का चैंपीयन समझते हैं । इन का तबादला किया जाना चाहिए । अगर अब भी हुकूमत अश्रार पर और उन पुलिस ओहदेदारों के बारे में ऐक्शण ना ले तो उन्हें नविश्ता दीवार पढ़ लेना चाहिए ।

जो अश्रार के शहर सुकून-ओ-अमन को दिरहम ब्रहम करना चाहते हैं हुकूमत से मुतालिबा है कि इन की फ़ौरी तौर पर सरकूबी करे और हक़ीक़ी ख़ातियों को कैफ़र-ए-किरदार तक पहोनचाए और जिन का नुक़्सान हुआ है इस की पा बजाई की जाय । ब्यान जारी करने वालों में मौलाना सुलेमान सिकन्दर , मौलाना सय्यद क़बूल बादशाह शतारी , मौलाना अबदुर्रहीम क़ुरैशी , मौलाना सय्यद शाह अकबर निज़ाम उद्दीन , सानी आक़िल मौलाना हुसाम उद्दीन , सानी जाफ़र पाशाह , मौलाना तक़ी रज़ा आब्दी , मौलाना मसऊद हुसैन मजतहदी , मौलाना रहीम उद्दीन अंसारी , मौलाना फ़ारूक़ मिफताही , मौलाना हाफ़िज़ उसमान , मौलाना फ़सीह अहमद मदनी , मौलाना ख़ालिद सैफ-उल्लाह रहमानी , मौलाना क़ुतुब उद्दीन हुसैनी , मौलाना सय्यद सईद उल-हुसैनी , जनाब मुनीर उद्दीन मुख़तार , शफ़ी उद्दीन ऐडवोकेट शामिल हैं ।