तक़सीम रियासत के साथ ही अक़लीयती बहबूद के इदारे भी फ़ौरी मुनक़सिम

आंध्र प्रदेश की 2 जून से दो अलाहिदा रियास्तों में तक़सीम के साथ ही अक़लीयती बहबूद के इदारे फ़ौरी तौर पर मुनक़सिम हो जाएंगे। इस सिलसिले में चीफ़ सेक्रेट्री डॉक्टर पी के मोहंती ने अक़लीयती इदारों की तक़सीम और उन के दफ़ातिर के बारे में तफ़सीली अहकाम जारी किए।

अक़लीयती बहबूद के सेक्रेट्रीएट में वाक़े दफ़्तर के इलावा अक़लीयती बहबूद कमिशनेरीएट, अक़लीयती फ़ाइनेन्स कारपोरेशन, क्रिस्चन फ़ाइनेन्स कारपोरेशन और सर्वे कमिशनर वक़्फ़ 2 जून से दो रियास्तों में अलाहिदा अलाहिदा तौर पर अपनी कारकर्दगी का आग़ाज़ कर देंगे और उन के लिए दफ़ातिर भी अलाहिदा तौर पर अलॉट किए गए हैं।

चीफ़ सेक्रेट्री के अहकामात के मुताबिक़ सरकारी इदारों की तक़सीम से मुताल्लिक़ कमेटी ने जो सिफ़ारिशात पेश की थी इस के मुताबिक़ हुकूमत ने मज़कूरा अक़लीयती इदारों के लिए हैदराबाद में अलाहिदा दफ़ातिर की जगह अलॉट की है। दोनों रियास्तों के दरमयान ग्रेटर हैदराबाद म्यूनसिंपल कारपोरेशन के हदूद 10 बरसों तक मुशतर्का दारुल हकूमत के तौर पर बरक़रार रहेंगे।

वक़्फ़ बोर्ड, हज कमेटी, उर्दू अकेडमी, अक़लीयती कमीशन 2 जून के बाद तक़सीम होंगे। दोनों रियास्तों में अलाहिदा अलाहिदा अक़लीयती कमीशन तशकील दिए जाऐंगे।

वक़्फ़ बोर्ड की तशकील में ताख़ीर के इमकानात को देखते हुए हुकूमत स्पेशल ऑफीसर की मीयाद में छः माह की तौसीअ पर ग़ौर कर रही है। दाइरतुल मारुफ़ दोनों रियास्तों के मुशतर्का असासा के तौर पर बरक़रार रहेगा। हज सीज़न 2014 की तकमील के बाद हज कमेटी की तक़सीम अमल में आएगी।