तख़रीब कारी ( बरबादी) से निमटने पड़ोसियों के साथ काम करने का अज़म: एस एम कृष्णा

न्यूयॉर्क, ३० सितंबर ( पी टी आई ) वज़ीर ख़ारिजा (विदेश मंत्री)मिस्टर एस एम कृष्णा ने कहा कि हिंदूस्तान जुनूबी एशियाई ममालिक के साथ अमन और ख़ुशहाली का ख़ाहां है और वो अपने पड़ोसी ममालिक(देशों)के साथ मिल कर पुरतशद्दुद तख़रीब कारी (बरबादीयों) की लानत को शिकस्त देने के लिए काम करने का अज़म रखता है ।

परतशद्दुद तख़रीब कारी ने इलाक़ा में अपनी जड़ें मज़बूत बना ली हैं । रहोड आईलैंड में बावक़ार आई वे लीग ब्राउन यूनीवर्सिटी में तलबा ( छात्रों) और असातिज़ा ( शिक्षकगण) से ख़िताब ( संबोधित) करते हुए मिस्टर कृष्णा ने अफ़्ग़ान अवाम के साथ उन की मआशी ( माली हालात की) बेहतरी के लिए की जाने वाली कोशिशों और पाकिस्तान के साथ ताल्लुक़ात को बेहतर बनाने के लिए किए जाने वाले इक़दामात ( कार्यनिष्पादन) को वाज़िह ( स्पष्ट) तौर पर पेश किया ।

मिस्टर कृष्णा ने कहा कि हिंदूस्तान पुरतशद्दुद तख़रीब कारी ( बरबादी) को शिकस्त देने के लिए अपने जुनूबी एशिया इलाक़ा के पड़ोसी ममालिक और आलमी ताक़तों के साथ मिल कर काम करने को तैयार है जिस की जड़ें जुनूबी एशिया में मज़बूत हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ ताल्लुक़ात को मामूल पर लाने हिंदूस्तान की कोशशे इस बात से ज़ाहिर होती हैं कि इस ने तिजारती ( ब्यापार) ताल्लुक़ात को मामूल पर लाने एक मंसूबा ( योजना) अमल को क़तईयत दे दी है । इस के इलावा वीज़ा क़वानीन ( कानून / नयम) में भी नरमी पैदा कर दी गई है ताकि अवाम ता अवाम राबतों को बेहतर बनाया जा सके ।

अफ़्ग़ानिस्तान में हिंदूस्तान ये अज़म रखता है कि अफ़्ग़ान अवाम को उन की मईशत ( माली हालात) को बेहतर बनाने और इस को सुधारने के लिए मदद फ़राहम की जाय।

इस सिलसिला में हिंदूस्तान ने अफ़्ग़ानिस्तान के एक जामि मंसूबा पर दस्तख़त किए हैं जिस से अफ़्ग़ान अवाम की बेहतरी के लिए हिंदूस्तान के अज़म का इज़हार होता है । मिस्टर एस एम कृष्णा अक़वाम-ए-मुत्तहिदा ( संयुक़्त राष्ट्र) जनरल असेंबली इजलास से ख़िताब करने के लिए यहां आए हुए हैं।

हिंदूस्तान की ख़ारिजा पॉलीसी और 21 वीं सदी में दरपेश चैलेंज्स के मौज़ू ( विषय) पर लेक्चर देते हुए वज़ीर ख़ारिजा ने वाज़िह (स्पष्ट) किया कि जुनूबी एशिया में अमन और ख़ुशहाली ही हिंदूस्तान की ख़ारिजा पॉलीसी की अव्वलीन तरजीह है । हिंदूस्तान चाहता है कि जुनूबी एशिया में एसा साज़गार माहौल पैदा हो जिस के नतीजा में सारे इलाक़ा में ख़ुशहाली पैदा हो सके और हिंदूस्तानियों को भी इन्फ़िरादी (व्यक़्तिगत) तौर पर इस का फ़ायदा हासिल हो।

उन्होंने वाज़िह किया कि गुज़शता तीन दहों से ज़ेली बर्र-ए-आज़म (भूमंडल) के शुमाल मग़रिबी इलाक़ों में हालात बिगड़ते गए हैं इस के नतीजा में ना सिर्फ हिंदूस्तान बल्कि सारी दुनिया मुतास्सिर ( प्रभावित) हुई है । ये वाज़िह करते हुए कि मुस्तहकम ( मजबूत) आलमी ( संसारिक) नज़म ( प्रबंध) और पुरअमन पड़ोसियों में ही हिंदूस्तान के मुफ़ादात (फायदेमंद) मुज़म्मिर हैं मिस्टर कृष्णा ने कहा कि एक मुसावी ( समान/ बराबर) और खुले हुए बैन अल-अक़वामी तिजारती (अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक) निज़ाम ( Administration/ प्रबंध) की ज़रूरत है ।

इस के इलावा मुस्तहकम मआशी निज़ाम काबिल-ए-भरोसा क़ाबिल रसाई और महफ़ूज़ तवानाई स्पलाई और ग़िज़ाई सिक्योरिटी को भी यक़ीनी बनाया जाना चाहीए।