थोड़ी शराब पी कर भी ड्राइविंग, सख़्त क़ानून बनाने बॉम्बे हाईकोर्ट की हिदायत

मुंबई: मुल्क भर में हालते नशा में गाड़ी चलाने के वाक़ियात में इज़ाफे पर तशवीश का इज़हार करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज मर्कज़ और हुकूमत महाराष्ट्र से कहा कि इस मामले में सिफ़र बर्दाश्त पोलिसी वज़ा की जाये और हैरत का इज़हार किया कि आख़िर थोड़ी बहुत शराब पीकर किसी को गाड़ी चलाने की इजाज़त क्योंकर‌ दी जा सकती है।

जस्टिस अभय‌ लूका और जस्टिस गौतम पाटला पर मुश्तमिल बेंच ने साल 2002 हिट ऐंड रन केस में फ़िल्मी अदाकार सलमान ख़ान‌ से मज़ीद मुआवज़े की तलबी के लिए मुतास्सिरीन की एक अर्ज़ी पर समाअत के दौरान ये तास्सुर पेश किया और कहा कि ऐसी कोई माक़ूल वजह नज़र नहीं आती कि किसी शख़्स को थोड़ी बहुत शराब पी कर गाड़ी चलाने की इजाज़त दी जा सकती है।

इस ख़ुसूस में ख़तरात पर क़ाबू पाने के लिए मुतबादिल राहें तलाश की जाएं और बेंच की ये तजवीज़ है कि मर्कज़ी और रियासती हुकूमत हालते नशा में गाड़ी चलाने वालों से निमटने के लिए सिफ़र बर्दाश्त पोलिसी वज़ा करे। एक जर्नलिस्ट निखिल वागले ने मफ़ाद-ए-आम्मा की एक दरख़ास्त अदालत में पेश की थी जिसमें मज़ीद सख़्त क़ानून बनाने और सलमान ख़ान से मज़ीद मुआवज़ा तलब किया गया है। जबकि फ़िल्मी अदाकार को गुज़िश्ता माह बॉम्बे हाईकोर्ट ने गाड़ी चलाते हुए टक्कर मारने के इल्ज़ाम से बरी कर‌ दिया गया था|