दलाईलामा पर तिब्बत में एहतिजाज को मसख़ करने का चीनी इल्ज़ाम

बीजिंग, 31 जनवरी (राईटर) जिलावतन तिब्बती हुकूमत और मग़रिबी मुल्कों ने चीन के तिब्बती इलाक़ों में पुलिस फायरिंग के हालिया वाक़िया को मसख़ करके पेश किया है जिस का मक़सद चीनी हुकूमत के वक़ार को मजरूह करना है। ये इत्तिला आज एक चीनी रोज़नामे ने दी। चीन पर रिवायती और मज़हबी आज़ादी कुचलने का इल्ज़ाम लगाने वाले तिब्बतियों ने पिछले पीर को जुनूब मग़रिबी सूबा सीचोन की पहाड़ीयों पर उस जगह एहतिजाज किया था जो तिब्बत की सरहद से मुत्तसिल हैं।

तिब्बत की वकालत करने वाले ग्रुपों का कहना है कि पुलिस और फ़ौज ने जब इस एहतिजाज को कुचला तो सात तिब्बती गोली लगने से हलाक हुए और साठ से ज़्यादा ज़ख़मी हुए थे। चीन के सरकारी ख़बररसां इदारा ज़नावा ने बहरहाल ख़बर दी है कि इस वाक़िया में पुलिस ने अपनी मुदाफ़अत मैं गोलीयां चलाईं । हुजूम ने थानों पर धावा बोल दिया था ।

हुकूमत चीन के ख़िलाफ़ शोरिश में नाकामी के बाद 1959 में दलाईलामा तिब्बत से फ़रार होगए थे। इन का कहना है कि वो तिब्बत तनाज़ा का पुरअमन हल चाहते हैं और तिब्बतियों को ख़ालिस ख़ुदमुख़तारी मतलूब है आज़ादी नहीं। 1959 में दलाईलामा ने हिंदूस्तान में पनाह ली थी और धर्मशाला में अपना मुस्तक़र क़ायम किया था। इन को पनाह देने पर हिंद।चीन ताल्लुक़ात में कशीदगी पैदा होगई थी और चीन ने बाद में हिंदूस्तान पर हमला किया था।