दाइश के ख़िलाफ़ आलमी इत्तिहाद ज़रूरी – जॉन कैरी

अमरीकी वज़ीरे ख़ारजा जॉन कैरी ने कहा है कि इराक़ और शाम में सरगर्म दाइश के जिहादीयों और उन के नसल कुशी से इबारत एजेंडे के ख़िलाफ़ कामयाब जंग के लिए एक आलमी इत्तिहाद की ज़रूरत है।

जॉन कैरी ने ये बात अमरीकी अख़बार न्यूयार्क टाईम्स में शाय होने वाले अपने एक मज़मून में कही। अमरीकी वज़ीरे ख़ारजा का ये नुक्ते नज़र सदर बराक ओबामा के इस एतराफ़ के महज़ एक दिन बाद सामने आया है कि वाशिंगटन हुकूमत ने दौलते इस्लामीया या आई एस के जिहादीयों से निमटने के लिए अभी तक कोई हिक्मते अमली तैयार नहीं की।

जॉन कैरी की तरफ़ से इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ आलमी इत्तिहाद के मुतालिबे से कुछ ही पहले बर्तानवी हुकूमत ने मुल्क में दहश्त गर्दाना हमलों के ख़तरे में इज़ाफे़ के ख़िलाफ़ तंबीह की थी। लंदन हुकूमत के मुताबिक़ बर्तानिया में इस वक़्त जिहादीयों की तरफ़ से मुम्किना दहश्त गर्दाना हमलों का ख़तरा काफ़ी ज़्यादा हो चुका है।

जॉन कैरी ने दौलते इस्लामीया नामी शिद्दत पसंद तंज़ीम के हवाले से अपना ये मौक़िफ़ इस पसमंज़र में पेश किया है कि अक़वामे मुत्तहिदा के मुताबिक़ शाम में नक़्ले मकानी पर मजबूर शहरीयों की तादाद अब तीन मिलियन से ज़ाइद हो चुकी है।

ये शामी बाशिंदे इस लिए मुहाजरत पर मजबूर हुए हैं कि शाम में अपोज़ीशन के मुसल्लह कारकुन सरकारी दस्तों के इलावा जिहादीयों के साथ भी लड़ रहे हैं। जॉन कैरी ने लिखा है कि सितंबर में जब अक़वामे मुत्तहिदा की सलामती कौंसिल की सदारत अमरीका के पास आएगी तो वाशिंगटन की तरफ़ से एक सरब्राही इजलास में इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ एक ऐक्शन प्लान भी तजवीज़ किया जाएगा।