दाऊद, छोटा शकील की प्रापर्टी जब्त करने का हुक्म

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में दिल्ली की एक अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, उसके साथी छोटा शकील और दिगर तीन लोगो की प्रापर्टी जब्त करने पर अमल करने के हुक्म दिए हैं। दिल्ली पुलिस की खुसूसी टीम ने कोर्ट को इत्तेला दी कि इन फरार मुल्ज़िमों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये गये थे लेकिन इन पर तामील नहीं कराया जा सका क्योंकि हिंदुस्तान में आखिरी मालूम पते पर वे नहीं रह रहे हैं। इनके खिलाफ पहले ही अदालत में चार्जशीट दाखिल किया जा चुका है। दाऊद और शकील के अलावा पाकिस्तान में रह रहे जावेद चुट्टानी, सलमान उर्फ मास्टर और एहतेशाम के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं।

इन सभी को दाऊद का साथी माना जाता है। एडीशनल सेशन जज भरत पाराशर ने कहा कि मुल्ज़िम दाऊद, शकील, चुट्टानी, सलमान और एहतेशाम के खिलाफ चूंकि वारंट जारी किए गए हैं और इन्हें तामील किए बगैर लौटा दिया गया क्योंकि वे हिंदुस्तान में अपने आखिरी मालूम पते पर नहीं रह रहे हैं, इसलिए सीआरपीसी की दफा 82 (भगोडा ऐलान करने), 83 (प्रापर्टी जब्त करने) के अमल शुरू करने की अपील की गयी है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए सीआरपीसी की दफा 82, 83 के तहत अमल शुरू की जाए। कोर्ट ने अब 16 अगस्त तक रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया है व तभी मामले की अगली सुनवाई होगी।

अदालत ने यह भी कहा कि वह 16 अगस्त से मामले में इल्ज़ाम तय करने पर सुनवाई शुरू करेगी। Public Prosecutor राजीव मोहन ने कहा कि दिल्ली पुलिस मुल्क में दाऊद की प्रापर्टी का पता लगाएगी और अदालत के सामने इसकी फहरिस्त पेश करेगी। अदालत ने मामले में बार-बार मुल्तवी पर फिक्र जाहिर की और पुलिस को हिदायत दी कि सभी मुल्ज़िमों को चार्जशीट और दिगर दस्तावेजों की फोटो कापी दी जाए, जिसमें मुअत्त्ल क्रिकेटर एस श्रीसंत, अजित चंडेला और अंकित चव्हाण के नाम भी शामिल हैं।

दिल्ली पुलिस की खुसूसी टीइ ने मामले में मुल्ज़िमो के खिलाफ 6000 पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया था। अदालत ने पिछले साल 10 जून को श्रीसंत, चव्हाण और दिगर 19 को मकोका के तहत सुबूतों की कमी में जमानत दे दी थी। चंडेला समेत दिगर कई मुल्ज़िमो को बाद में अदालत ने जमानत दे दी थी।

पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया था कि हिंदुस्तान में क्रिकेट में फिक्सिंग एवं सट्टे को दाऊद और शकील कंट्रोल कर रहे हैं और आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में उनका ही हाथ है। अदालत ने पुलिस से कहा कि वारंट के बारे में नोटिस इनके आखिरी पते पर चस्पा की जाये और कौमी अखबारों में इस बारे में नोटिस शाय करायी जाए।