दिल्ली गैंगरेप मामले में चार मुल्ज़िमो के खिलाफ अदालत आज फैसला सुनाएगी। यह पहला मामला है जिसमें मुल्ज़िमों के डेंटल इंप्रेशन का भी इस्तेमाल किया गया है।
इसके इलावा हिंदुस्तान में यह पहला केस है, जिसमें सुनवाई के दौरान बैरून से कोर्ट रूम में वीडियो कांफ्रेंसिंग की गई। इस फैसले को लेकर पूरे मुल्क की निगाहें साकेत अदालत पर टिकी रहेंगी। इस मामले में नाबालिग को बच्चो की ( बाल) अदालत पहले ही 31 अगस्त को सजा सुना चुकी है।
16 दिसंबर को वसंत विहार में चलती बस में 23 साल की लड़की से गैंगरेप के इल्ज़ाम में नाबालिग समेत छह मुल्ज़िमो को नामजद किया गया था।
एक मुल्ज़िम राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी, जबकि उसके भाई मुकेश, विनय, पवन व अक्षय के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट आज फैसला सुनाएगी।
सुनवाई के दौरान इस्तेगाशा (Prosecutors) ने मुल्ज़िमो का डीएनए टेस्ट करवाया था और सुबूतके तौर पर इसे पेश भी किया। इसी दौरान मुल्ज़िमो के दांतों के निशानों का टेस्ट यानी टीथ बाइट इंप्रेशन टेस्ट भी करवाया गया।
दरअसल, मुतास्सिरा लड़की के जिस्म पर इन दरिंदो के काटे जाने के कई निशान मिले थे। प्रासीक्यूटर ने सीसीटीवी फुटेज के साथ भी काफी सुबूत पेश किए थे।
प्रासीक्यूटर को इस मामले मे मुल्ज़िम मुकेश के बयानों से भी काफी मदद मिली थी, जिसमें प्रासीक्यूटर ने माना था कि इस वाकिया में (इस्तेमाल की हुई बस मे) सभी छह मुल्ज़िम मौजूद थे।
मामले की तफ्तीश व चार्जशीट तैयार करने वाले इंस्पेक्टरों को पूरा भरोसा है कि कोर्ट इस केस को ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ मानेगी। जांच आफीसरों का कहना है कि सभी मुल्ज़िमो के खिलाफ 15 दफआत के तहत मामला दर्ज हुआ। चार्जशीट की बुनियाद पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने कत्ल के इल्ज़ाम में नाबालिग को ज़्यादास् ए ज़्यादा सजा सुनाई है। इस चार्जशीट व सुबूतो की बुनियाद पर फास्ट टैक कोर्ट भी दरिंदों को कत्ल के इल्ज़ाम में ज़्यादा से ज़्यादा सजा ही सुना सकती है।
जांच आफीसरो की मानें तो 10 सितंबर को पहले चारों मुल्ज़िमो की सजा पर बहस होगी। इसके बाद कोर्ट उन्हें मुजरिम ठहरा सकती है। इसके बाद आइंदा 13 या 16 सितंबर को कोर्ट दरिंदों को फांसी की सजा सुना सकती है।
—–बशुक्रिया: अमर उजाला व जागरण