दिल्ली में सदर राज की सिफारिश

नायब गवर्नर नजीब जंग ने दिल्ली में सदर राज के निफ़ाज़ की सिफ़ारिश की है, क्योंकि नई हुकूमत की तशकील को लेकर तात्तुल बरक़रार है और कोई भी सियासी जमात हुकूमत बनाने का दावा नहीं पेश कर रही है।

सरकारी ज़राए ने बताया कि सब से बड़े पार्टी के तौर पर उभरी बी जे पी और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से वसीअ बातचीत के बाद नायब गवर्नर ने सदर को सौपी गई अपनी रिपोर्ट में मुख़्तलिफ़ इख़्तेयारात में से सदर राज के इख़तियार का मश्वरा है।

मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे ने यहां नामा निगारों से कहा कि हम नायब गवर्नर की रिपोर्ट पर क़ानूनी तौर पर ग़ौर कर रहे हैं।
ज़राए ने बताया कि नायब गवर्नर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोई भी पार्टी हुकूमत तशकील की पोज़ीशन में नहीं है और हुकूमत की तशकील को लेकर अब तक कोई वाज़िह तस्वीर नहीं बनी है।

उधर आप लीडर अरविंद केजरीवाल ने और मश्वरे के लिए वक़्त मांगा है। ज़राए ने कहा कि नायब गवर्नर ने कहा है कि दिल्ली में सदर राज लगाया जाना चाहिए और जब तक कोई मख़लूत हुकूमत का क़ियाम नहीं कर पाए। असेंबली को मुअत्तल रखा जाना चाहीए।
उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी हुकूमत तशकील का दावा नहीं पेश करती तो अगले दो दिन में सदर राज लगाया जा सकता है।

ज़राए ने कहा कि सदर राज की सिफ़ारिश के लिए मर्कज़ी काबीना की मीटिंग दो घंटे के मुख़्तसर नोटिस पर बुलाई जा सकती है। इस दरमयान ज़राए ने बताया कि सदर ने 10 दिसंबर को दिल्ली की नई असेंबली के क़ियाम की इत्तिला जारी की थी।