दिल्ली लोकसभा चुनाव में स्वराज इंडिया की भूमिका के बारे में योगेंद्र यादव ने दिया बयान, जानिये क्या कहा!

आगामी लोकसभा चुनाव में नोटा का उपयोग करने के बारे में स्वराज इंडिया दिल्ली इकाई के बयान पर कई सवाल और आलोचनाएँ सामने आयी हैं। सवाल पूछने वालों में हमारे कई शुभचिंतक भी शामिल हैं। हम इन संवाद का सम्मान और स्वागत करते हैं। हमें खेद है कि हमारी ओर से पर्याप्त स्पष्टीकरण के अभाव में अनावश्यक भ्रम की स्थिति बनी है। इसलिए जरुरी है कि दिल्ली और पूरे देश में स्वराज इंडिया की राजनीतिक व चुनावी भूमिका को स्पष्ट किया जाय।

अक्टूबर 2018 में स्वराज इंडिया की नेशनल कौंसिल ने इस लोकसभा चुनाव में हमारी भूमिका के लिए तीन मूलभूत दिशा-निर्देश दिए थे: हमें भाजपा को हराने में योगदान देना है, हमें विपक्ष के किसी महागठबंधंन में शामिल नहीं होना है और हमें वैकल्पिक उम्मीदवारों की शिनाख्त और समर्थन करना है। अपनी स्थानिक परिस्थितियों का आकलन कर स्वराज इंडिया की प्रत्येक राज्य इकाई ने इन्हीं तीन दिशा-निर्देशों के आलोक में अपनी भूमिका तय की है। जाहिर है दिल्ली यूनिट द्वारा की गई घोषणा केवल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक सीमित है।

अन्य राज्यों में स्वराज इंडिया देश भर में करीब 50 उम्मीदवारों (जैसे प्रकाश राज, डॉ धर्मवीर गाँधी, राजू शेट्टी, कन्हैया कुमार) या नई पार्टियों (हमरो सिक्किम पार्टी, मक्कल निधि मैय्यम) का समर्थन कर रहा है। स्वराज इंडिया के साथी देशभर में इन उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं। दिल्ली इकाई के वक्तव्य से पहले और बाद में भी, पिछले एक महीने में, मैं स्वयं बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तमिलनाडु, कर्णाटक व महाराष्ट्र में विभिन्न उम्मीदवारों के लिए प्रचार के लिए गया और आगे राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश में प्रचार करने की योजना है।

दिल्ली में भी, हमारा मुख्य अभियान, “देश मेरा, वोट मेरा, मुद्दा मेरा” है। हमारे अभियान का पर्चा (यहाँ संलग्न और जिसे प्रेस वार्त्ता में भी वितरित किया गया था) यह स्पष्ट करता है: हम दिल्ली की तीनों बड़ी पार्टियों से कठिन सवाल पूछेंगें। अगर इनमें से कोई पार्टी इन सवालों का संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाती है, तब वोटर नोटा का इस्तेमाल कर उन्हें दंडित कर सकते हैं। हम पहली पसंद के तौर पर नोटा का प्रस्ताव नहीं दे रहे। हमारे लिए नोटा (नो टिल एन अल्टरनेटिव) विधि-विधान सम्मत लेकिन अस्थायी व अंतिम विकल्प है। हमारे इस बयान का हमारी इस मूल स्थापना से कोई विरोध नहीं है कि भाजपा भारतीय गणतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यहाँ यह गौर करना जरुरी है कि दिल्ली में भाजपा ही एक मात्र पार्टी है जो नोटा से भयभीत है और उसके खिलाफ सक्रिय अभियान चला रही है।

तदनुसार, स्वराज इंडिया की दिल्ली इकाई बैठकों व डोर-टू-डोर कैंपेन की श्रृंखला आयोजित कर कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, पर्यावरण, सफाई व्यवस्था, परिवहन, शराब, कॉलोनियों का अधिकरण, सीलिंग व दिल्ली की संवैधानिक स्थिति से सम्बंधित गंभीर व कड़े सवाल पूछेगी। अगर कोई भी पार्टी या उम्मीदवार इन सवालों का संतोषप्रद ज़वाब नहीं दे पाए, ऐसी हालत में हम नोटा के लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने को स्वतंत्र होंगे।