दुनिया का एकमात्र समलैंगिक प्रिंस मानवेंद्र सिंह गोहिल ने समलैंगिकों के लिए खोला अपना घर

नई दिल्ली: समलैंगिकता को लेकर इन दिनों देशभर में बड़ी बहस छिड़ी है. जहां एक तरफ समलैंगिक समुदाय के लोग सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं उन्हें दूसरी लड़ाई सामाजिक सतह पर लड़नी पड़ रही है. इस बीच गुजरात के एक प्रिंस ने इस समुदाय के लिए एक ऐसा कदम उठाया है जिसकी हर ओर तारीफ हो रही है. दरअसल उन्होंने अपने घर का दरवाजा समलैंगिक के लिए खोल दिया है.

प्रिंस मानवेंद्र सिंह गोहिल खुद एक गे हैं. उन्होंने खुलेआम गे होने की बात कबूल की है. 2007 में उन्हें ओपरा विनफ्रे के शो से इनविटेशन आया था। इस शो ने इन्हें विश्व भर में रातों-रात स्टार बना दिया। लोग उन्हें चाहने लगे। 2008 में बीबीसी ने भी मानवेंद्र के बारे में जाना और इंटरव्यू लिया। अपनी दिमागी गुलामी से खुद को आजाद कर राजकुमार ने अपने आपको साबित किया। आज मानवेंद्र लक्ष्य फाउंडेशन के जरिए एलजीबीटी समुदाय के लोगों की मदद करते हैं और उन्हें उनका हक दिलाने की पूरी कोशिश करते हैं।

राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल की मानें तो देश के छोटे शहरों में लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर को खुलेआम कबूल करना बेहद मुश्किल काम है. वे बताते हैं कि आम तौर पर समलैंगिकता को परिवार से सहमति नहीं मिलती है और अगर इस समुदाय का कोई इंसान अगर अपने साथी से शादी कर लेता है तो उसे घर से निकाल दिया जाता है ऐसे में उनके पास रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं बचता है.

उन्होंने यह भी बताया कि मेरी कोई संतान नहीं है. इसलिए मैंने अपने घर का दरवाजा उन लोगों के लिए खोल दिया जिन्हें समाज में जगह नहीं मिलती. उनका कहना है कि उन्होंने मेडिकल सुविधा का भी इंतजाम अपने घर में किया है. वे चाहते हैं कि यहां आने वाले लोग कुछ सीख कर जॉब पा सकें इसके लिए उन्होंने कंप्यूटर लैब का इंतजाम भी किया है.

मजेदार बात यह है कि गोहिल खुद अपना घर दस साल पहले छोड़ चुके हैं. घर से निकलने के बाद उन्होंने ‘लक्ष्य’ नाम का एक ट्रस्ट बनाया जिसके जरिए वे समलैंगिक समुदाय के लोगों की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्हें देश-विदेश में इस काम के लिए सराहना भी मिल रही है.