दूध बौली में मुस्लिम नौजवान की कसमपुर्सी

हैदराबाद: पुराने शहर के अवाम के दुख-दर्द में शामिल रहने का दावा करने वाली मुक़ामी क़ियादत ने एक ग़रीब नौजवान के ईलाज पर तवज्जे दहानी के बावजूद कोई दिलचस्पी नहीं ली जिस पर मुक़ामी अफ़राद ने कांग्रेस के क़ाइद मुहम्मद अली शब्बीर से रुजू हो कर इस नौजवान की हालत और ईलाज में दुशवारियों से वाक़िफ़ कराया।

क़ानूनसाज़ काउंसिल में क़ाइद अपोज़िशन मुहम्मद अली शब्बीर जो बलदी हलक़ा दूध बौली में इंतेख़ाबी मुहिम में मसरूफ़ थे 25साला मुहम्मद अकबर नामी नौजवान की कसमपुर्सी और अलालत के बारे में इत्तेला मिलते ही सीधे वो इस नौजवान के मकान वाक़्य मुईन पूरा दूध बौली पहुंच गए।

अकबर की हालत देखकर वो आबदीदा हो गए और उन्होंने ईलाज के लिए शख़्सी तौर पर एक लाख रुपये की इमदाद हवाले की। मुहम्मद अली शब्बीर ने न्योरो से मुताल्लिक़ इस मर्ज़ के ईलाज के लिए निज़ाम्स इंस्टीटियूट आफ़ मेडिकल साइंसेस में इस शोबे के हैड आफ़ दी डिपार्टमेंट डाक्टर पुरोहित से फ़ोन पर रब्त क़ायम किया और इस नौजवान के मर्ज़ के बारे में तफ़सीलात बयान की।

डाक्टर पुरोहित ने जुमेरात को नौजवान को मुलाक़ात का वक़्त दिया और मूसिर ईलाज का यक़ीन दिलाया। मुहम्मद अली शब्बीर की इस इन्सानियत दोस्ती और हमदर्दी के मुज़ाहरा से नौजवान के अफ़राद ख़ानदान और मुक़ामी अफ़राद काफ़ी मुतास्सिर हुए और उन्हें दुआएं दें। मुक़ामी अफ़राद के मुताबिक़ न्योरो से मुताल्लिक़ किसी आरिज़ा के एक ख़ानगी हॉस्पिटल में ऑप्रेशन के बाद इस नौजवान का एक हाथ और पैर नाकारा हो गया और वो बात करने के काबिल भी नहीं है।

इस सिलसिले में मुक़ामी जमात से तआवुन की ख़ाहिश की गई लेकिन सुपर स्पेशालीटी सहूलतों के साथ हॉस्पिटल्स चलाने और ग़रीबों के मुफ़्त ईलाज की दावेदार जमात ने कोई तवज्जे नहीं दी जिसके बाइस ये नौजवान बिस्तर पर हो चुका है और ईलाज के लिए घर वालों की मआशी पसमांदगी अहम रुकावट है।

बताया जाता है कि वालदैन ने अभी तक15लाख से ईलाज पर ख़र्च किए और इस के लिए उन्हें मकान फ़रोख़त करने पर मजबूर होना पड़ा। फ़िलवक़्त मुक़ामी अह्ले ख़ैर हज़रात के तआवुन से ईलाज जारी है। दूध बौली बलदी हलक़े के कांग्रेसी उम्मीदवार मेराज मुहम्मद ने इस जानिब मुहम्मद अली शब्बीर की तवज्जे मबज़ूल कराई जिस पर वो फ़ौरी मुतास्सिरा नौजवान के मकान पहुंच गए। उन्होंने मुकम्मल ईलाज के लिए हर मुम्किन तआवुन का यक़ीन दिलाया। इस तरह इंतेख़ाबी मुहिम के दौरान मुहम्मद अली शब्बीर ने ख़ालिस इन्सानी हमदर्दी का मुज़ाहरा करते हुए अवाम को मुतास्सिर कर दिया|