दूसरे टी20 मैच में विवाद में आए अंपायर शमशुद्दीन तीसरे टी-20 मैच में खुद फील्ड अंपायरिंग से हटे

मुंबई : बेंगलुरु में बुधवार को भारत और इंग्लैड के बीच खेले गए तीसरे और निर्णायक टी-20 मैच से पहले ऐसा हुआ जिसकी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मिसाल मुश्किल है। मैच से पहले फील्ड अंपायर सी. शमशुद्दीन ने खुद को अंपायरिंग से यह कहकर अलग कर लिया कि वह पूरी तरह फिट नहीं हैं। हालांकि हैदराबाद के इस 46 वर्षीय अंपायर ने टीवी अंपायर की भूमिका निभाई। उनकी जगह पर नितिन मेनन ने अनिल चौधरी के साथ फील्ड अंपायरिंग की जिम्मेदारी निभाई। मेनन ने कानपुर में खेले गए सीरीज के पहले टी-20 मैच में बतौर अंपायर डेब्यू किया था।

शमशुद्दीन नागपुर में दूसरे टी20 मैच के आखिरी ओवर में अपने एक फैसले की वजह से इंग्लैंड के कप्तान इयॉन मोर्गन की आलोचना का शिकार बने थे। उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाज जोए रूट को एलबीडब्यू आउट करार दिया था। उस समय मेहमान टीम को आखिरी ओवर में जीत के लिए 8 रनों की दरकार थी, लेकिन इंग्लैंड की टीम मैच हार गई। हार के बाद इंग्लैंड के कप्तान मोर्गन ने अंपायरिंग की आलोचना करते हुए टी-20 में भी डीआरएस (डिसिजन रिव्यू सिस्टम) लाने की मांग की थी।

हमारे सहयोगी अखबार ने दो पूर्व अंपायरों से मोर्गन के इस व्यवहार के बारे में जब बात की तो अलग-अलग राय सामने आई। 1984 से 1993 तक 14 टेस्ट और 22 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग कर चुके पिलू रिपोर्टर ने इयॉन मोर्गन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मोर्गन ने जो किया वह आईसीसी की एथिक्स के खिलाफ है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि मैच रेफरी को इंग्लैंड के कप्तान के खिलाफ जुर्माना लगाना चाहिए था।

पिलू रिपोर्टर ने कहा, ‘वह (मोर्गन) इस तरह खुलेआम अंपायरों की आलोचना नहीं कर सकते हैं। रूट खुद ही कह चुके हैं कि खिलाड़ियों की तरह ही अंपायरों से भी गलतियां हो सकती हैं। मैं हैरान हूं कि मैच रेफरी ने मोर्गन के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। आईसीसी को उनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया। एक बार जब अंपायरों के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी शुरू हो जाती है तो खेल को नुकसान पहुंचता है।’

हालांकि एक और पूर्व अंपायर माधव गोथोसकर ने इयॉन मोर्गन का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड ने इसलिए शिकायत की क्योंकि उसे नुकसान उठाना पड़ा। यही अंपायर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गलतियां कर रहे हैं। समय आ गया है कि उनके परफॉर्मेंस का मूल्यांकन किया जाए।’