देश का बद किस्मती है जो ऐसा वजीरे आजम मिला : मीसा भारती

पटना : बिहार के इंतिख़ाब तशहीर मुहिम में अजीम इत्तिहाद और भाजपा के दरमियान जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। वजीरे आजम नरेंद्र मोदी के लालू प्रसाद पर (बेटी को सेट नहीं कर पाए) किए हमले पर पलटवार करते हुए मीसा भारती ने कहा कि किसी खातून के लिए वजीरे आजम का ऐसा बयान शर्मनाक है। मीसा ख़ुद इंतिखाबी मैदान में नहीं उतरी हैं, लेकिन उन्होंने अजीम इत्तिहाद के तशहीर की कमान संभाल रखी है और उसकी जीत के दावे भी करती हैं।
मोदी के बयान पर मीसा कहती हैं, “मुझे लगता है कि मोदी जी को दूसरे फेज़ के बाद ऐसा लगने लगा कि वे लोग हार रहे हैं। ऐसे में हताशा और मायूसी में उन्होंने इल्ज़ाम लगाए हैं। मैं तो इंतिख़ाब भी नहीं लड़ रही हूँ, मुझे तो अज़ीम इत्तिहाद के लिए स्टार तशहीर बनाया गया है। ”

उन्होंने कहा कि यह बदकिस्मती की बात है कि मुल्क को ऐसा वजीरे आजम मिला है जो ख़वातीन का बिल्कुल इज्ज़त नहीं करते हैं। उनसे यह उम्मीद भी नहीं की जा सकती है क्योंकि वह आरएसएस के तशहीर कर रहे हैं जहां ख़वातीन का कोई मुकाम नहीं है। वह कहती हैं कि आरएसएस में ख्वातीन का मुकाम सिर्फ लीडरों के पैर धोने तक ही सीमित है।

नागेटिव तशहीर मुहिम पर मीसा कहती हैं, “इसकी शुरुआत अजीम इत्तिहद की तरफ से नहीं हुई, बल्कि इंतिख़ाब शुरू होते ही आरएसएस चीफ़ मोहन भागवत जी ने कहा कि रिज़र्वेशन की तजवीज होनी चाहिए। ” उन्होंने कहा, “हाल में वजीरे आजम आए और अज़ीम इत्तिहाद के लीडरों को थ्री इडियट्स की ओहदा दे डाली। ” वह कहती हैं, “वजीरे आजम का रिसर्च आधा-अधूरा होता है। वह बयान दे देते हैं लेकिन उसकी गहराई में नहीं जाते। थ्री इडियट्स में तो थ्री इडियट्स ही फ़िल्म के हीरो थे। ” इंतिख़ाब तशहीर में नीतीश के मुक़ाबले लालू के हुकूमत को ‘जंगलराज’ का हवाला देकर सबसे ज़्यादा हमला बोला जा रहा है, इस पर मीसा कहती हैं, “लालूजी एक बड़े अवामी लीडर हैं इसलिए लोग उन पर निशाना साधते हैं। भाजपा को लगता है कि लालूजी की जितनी नागेटिव चीज़ें उछालेंगे तो ज़्यादा वोट मिलेंगे। ” लालू के बेटों पर भी कई सवाल उठाए जा रहे हैं ख़ासतौर पर उनकी तालीमी काबलियत पर। इस पर मीसा कहती हैं, “मेरा बड़ा भाई इंटरमीडियट पास है और वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। एडमिशन में आप उसी पढ़ाई का तफ़सीलात देते हैं जो आप कर चुके हैं। ”
छोटे भाई तेजस्वी के बारे में वह कहती हैं कि उन्होंने नौंवी तक की पढ़ाई की। उनका रुझान खेलों की तरफ़ था जिससे उनकी पढ़ाई में रुकावट हुई। मोदी की तालीम पर सवाल उठाते हुए मीसा कहती हैं कि इस बारे में एक आरटीआई दाखिल की गई थी लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मुल्क के वजीरे आजम कितने पढ़े-लिखे हैं।

 

बा शुक्रिया बीबीसी हिन्दी डॉट कॉम