आरएसएस से जुड़ा संगठन भारतीय शिक्षण मंडल चाहता है कि देश में ज्यादा आईआईटी न खोले जाएं

नई दिल्ली : सरकार ज्यादा आईआईटी खोलने की दिशा में काम न करे यह आरएसएस से जुड़ा संगठन भारतीय शिक्षण मंडल चाहता है. साथ ही आईआईटी में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाने की जगह दूसरे इंस्टिट्यूट्स की क्वॉलिटी सुधारने पर काम किया जाए। इस संबंध में जल्द ही एचआरडी मिनिस्ट्री को एक प्रजेंटेशन देने पर भी काम किया जा रहा है।

भारतीय शिक्षण मंडल के सह संगठन मंत्री मुकुल कानितकर ने कहा कि सिर्फ ज्यादा आईआईटी खोलने और वहां ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को ऐडमिशन देने पर फोकस करने की जगह क्वॉलिटी पर फोकस किया जाना चाहिए। जितने टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स हैं, उनकी क्वॉलिटी आईआईटी की तरह बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। हम इसके लिए डिटेल रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। कानितकर ने कहा कि आईआईटी की संख्या कितनी भी बढ़ा दी जाए, तब भी सभी स्टूडेंट्स को आईआईटी में एडमिशन देना मुमकिन नहीं होगा। साथ ही सिर्फ संख्या बढ़ाने पर फोकस करने से क्वॉलिटी पर असर पड़ेगा। इससे नए ढेरों आईआईटी तो खुल जाएंगे, लेकिन क्वॉलिटी का मकसद हल नहीं हो पाएगा।

कानितकर ने कहा कि जितनी आईआईटी हैं, वह काफी हैं। ज्यादा आईआईटी बनाने की जगह जितने आईआईटी हैं, उनकी रेंज में आने वाले 100 टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स की जिम्मेदारी उन आईआईटी को दे दी जानी चाहिए। ये आईआईटी उन 100 इंस्टिट्यूस के मेंटर के तौर पर काम करेंगे। सामान्य टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स के स्टूडेंट्स को आईआईटी के कुछ कार्यक्रमों में शामिल किया जा सकता है या एक्सपर्ट लेक्चर में शामिल किया जा सकता है। इससे इन इंस्टिट्यूट्स के स्टूडेंट्स को भी आईआईटी का एक्सपोजर मिल पाएगा। साथ ही इन इंस्टिट्यूट्स की फैकल्टी को भी आईआईटी में कुछ वक्त की ट्रेनिंग दी जा सकती है। इससे सभी टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स को आईआईटी के स्तर तक पहुंचाने की दिशा में काम होगा।