“द सियासत डेली” से किसने कहा धर्म बताओ वरना नहीं मिलेगा कमरा

शम्स तबरेज़, सियासत न्यूज़ ब्यूरो , लखनऊ।
आज़मगढ़: अभी हाल ही में धर्म के नाम पर कथित देशभक्तों का एक झुण्ड शिवराज के सूबे मध्य प्रदेश से पकड़े गए है कभी धर्म और आतंक तथा गद्दारी का लिबास सिर्फ एक ही धर्म के लोगों को पहना दिया जाता था। देश में कई ऐसे उदाहरण है जिनमें देश में अल्पसंख्यक और विश्व में बहुसंख्यक कहे जाने वाले मुसलमानों को धर्म के आधार पर आतंकी, दहशतगर्द और टेररिस्ट करार देकर पकड़ा गया। एक कहावत भी चलन में आ गया कि हर मुसलमान आतंकवादी नहीं होता लेकिन हर आतंकवादी मुसलमान क्यों होता है। शायद उत्तर प्रदेश के इन बेचारो का प्रचार करने वाला कोई नायक या नायिका नहीं है जो इस प्रकार के चलन का समर्थन करते हैं, उनसे ये पूछना चाहिए कि जितने भी आतंकी जेल से बेकसूर छूटते हैं उनमें से सब मुसलमान ही क्यों होते है।


सियासत की टीम इस समय उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का दौरा कर रही है। पूर्वांचल में मशहूर जिला आज़मगढ़ भी है, जहां सीएम अखिलेश के पिता और वर्तमान सांसद जो कभी सपा मुखिया कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव का गढ़ है। ग़ाज़ीपुर, बलिया, मऊ होते हुए आज़मगढ़ पहुंचने पर सियासत ने जब एक धर्मशाला का रूख किया और धर्मशाला से इस तरह से बातचीत हुई
सियासत—डबल बेड का एक कमरा चाहिए, रूम चार्च कितना है?
धर्मशाला— पहले नाम बताओ फिर दाम पूछना!
सियासत(तत्काल प्रतिक्रिया)—आपको किसी के नाम से क्या मतलब?
धर्मशाला— पहले नाम बताओ फिर बात करना।
सियासत— नाम जानकर क्या करोगे नाम में इंसान का धर्म और जाति छुपी होती है क्या तुम धर्म जानने चाहते हो या जाति?
धर्मशाला— आप सिर्फ अपना नाम बताओ हम खुद तय कर लेंगे कि आपका धर्म और जाति क्या है और आपको कमरा दिया जाएगा या नहीं।
सियासत— शम्स तबरेज़ हाशमी
धर्मशाला— आपको कमरा नहीं मिलेगा।
सियासत— क्योकि हम लोग धर्म से मुसलमान हैं इसीलिए क्या?
धर्मशाला— आप जो भी समझे हमारा काम था आपका नाम जानना और कमरा देना, फिलहाल आपको नहीं दिया जा सकता।
ये ताज़ा मामला है मुलायम सिंह के संसदीय क्षेत्र आज़मगढ़ का जहां खुले आम धर्म के नाम राजनीति चल रही है। ये धर्मशाला आज़मगढ़ शहर चौक में है। हमने सोचा के जिला के प्रशासन से इसकी शिकायत की जाए फिर दिमाग में आया कि जिला प्रशासन भी तो पहले हमारा नाम जानेगा, फिर उसी के आधार पर काम करेगा। हमने भी किसी बवाल से किनारा हुए जिला प्रशासन को फोन नहीं किया और एक दूसरे होटल का रूख किया।