धोनी को टेस्ट टीम की क़ियादत से हटाने पर बोर्ड का ग़ौर

नई दिल्ली, ३० जनवरी ( एजैंसीज़) इंग्लैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी वाएट वाश का शिकार हिंदूस्तानी टीम की मुश्किलात में इज़ाफ़ा होगया है और अब क्रिकेट हलक़ों में कई इमकानात का जायज़ा लिया जा रहा है जिन में क़ियादत की तबदीली भी शामिल है । बी सी सी आई हलक़ों में जो तास्सुर दिया जा रहा है इस के मुताबिक़ एम एस धोनी को टेस्ट टीम की क़ियादत से सबकदोश करना भी शामिल है ।

क़ियादत के लिए फ़िलहाल सब से ताक़तवर दावेदार के तौर पर विरेन्द्र सहवाग उभर कर सामने आए हैं। एसा नहीं है कि धोनी को तीनों फॉर्मट की क्रिकेट की क़ियादत से सबकदोश कर दिया जाएगा । इमकान है कि वो महिदूद ओवर्स की क्रिकेट वंडे और टवन्टी 20 में टीम की क़ियादत करते रहेंगे ।

टेस्ट मैच्स केलिए ताहम उन की क़ियादत मुश्किल में पड़ती नज़र आ रही है । ख़ुद विरेन्द्र सहेवाग का कहना है कि टीम में वो जिस मुक़ाम के हक़दार थे वो उन्हें नहीं मिला है और वो इस के लिए धोनी को वजह समझते हैं । इस ख़्याल के साथ बी सी सी आई के आली उहदेदारान होसकता है कि सहवाग को एक मौक़ा देने पर ग़ौर कीं।

ये अलग बात है कि बहैसियत कप्तान ख़ुद सहवाग का रेकॉर्ड कुछ अच्छा नहीं है । वो टवन्टी 20 आई पी अल में दिल्ली डियर डेविल्स की क़ियादत करते हैं। हालाँकि टीम इंडिया के से नर बल्लेबाज़ों राहुल द्रविड और वि वि एस लक्ष्मण ने वाज़िह कर दिया है कि वो अभी टेस्ट क्रिकेट से सबकदोश नहीं होंगे ताहम इस का ये मतलब नहीं है कि उन्हें आइन्दा टेस्ट सीरीज़ों में यक़ीनी तौर पर टीम के लिए मुंतखिब किया जाएगा।

कहा जा रहा है कि टीम इंडिया में धोनी और सहवाग के माबेन अना का झगड़ा है । कहा जा रहा है कि इसी वजह से धोनी अपनी क़ियादत को मनवाने में नाकाम रहे हैं और वो सहवाग और कुछ दीगर खिलाड़ियों से अपनी बात मनवा नहीं पा रहे हैं। धोनी का एहसास है कि सहवाग अगर पूरे डिसीपिलिन के साथ खेलते तो ऑस्ट्रेलिया में वो ज़्यादा बेहतर मुज़ाहरा कर सकते थे ।

हुक्काम की जानिब से इस बात का जायज़ा लिया जा रहा है कि आया ऑस्ट्रेलिया में शिकस्त की वजह टीम का दाख़िली ख़लफ़िशार भी तो नहीं है । से नर खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर द्रविड और वि वि एस लक्ष्मण को धोनी यह फिर सहवाग के तहत खेलने में कोई मसला नहीं है लेकिन सहेवाग ने कहा जा रहा है कि अपना मौक़िफ़ वाज़िह कर दिया है ।

वो धोनी के तर्ज़ क़ियादत से ख़ुश नहीं हैं । चाहे ये क़तई ग्यारह खिलाड़ियों का इंतेख़ाब हो या फिर फील्ड की सजावट हो वो धोनी के अंदाज़ से ख़ुश नहीं हैं और वो फ़ौरी तौर पर बहुत ज़्यादा नौजवान खिलाड़ियों की शमूलीयत के भी मुख़ालिफ़ हैं। इन का एहसास है कि टीम के मुआमलात में उन के ख़्यालात को कोई अहमियत नहीं दी गई ।

कहा जा रहा है कि धोनी ने 2013 के बाद टेस्ट क्रिकेट से सुबकदोशी का जो जज़बाती अंदाज़ में ऐलान किया था वो भी क्रिकेट बोर्ड के हलक़ों में अच्छा तास्सुर क़ायम नहीं कर सका है । एक ओहदेदार का कहना है कि जब कोई सीरीज़ चल रही हो और आप दरमियान में हूँ 2013 के ताल्लुक़ से इज़हार ख़्याल करना कोई अहमियत नहीं रखता ।

इत्तेफ़ाक़ की बात है कि जिन दो से नर बल्लेबाज़ों राहुल द्रविड और वि वि एस लक्ष्मण पर सुबकदोशी केलिए दबाव है उन्हों ने भी फ़ौरी तौर पर सुबकदोशी का फैसला नहीं किया है ताहम क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के ओहदेदारों का कहना है कि दोनों ही खिलाड़ी अपने कैरियर के इख़तेताम तक पहूंच गए हैं और उन की बजाय कुछ नौजवान खिलाड़ियों को मौक़ा देना ज़्यादा सूदमंद होगा ।

रोहित शर्मा सुरेश रावना और छत्ते शोर पुजारा के नाम इस सिलसिला में लिए जा रहे हैं। ये भी कहा जा रहा है कि ईलाज के बाद जैसे ही युवराज सिंह पूरी तरह से फुट हूजाएंगे वो अज़ ख़ुद टीम में जगह हासिल करने में कामयाब हो जायेंगे । ये ख़्याल भी ज़ाहिर किया जा रहा है कि क़ियादत की तबदीली यह दो एक खिलाड़ियों की तबदीली मसला का हल नहीं है और टीम की हालत में सुधार केलिए ज़रूरी है कि माहिरीन से शिकस्त की वजूहात का जायज़ा लिया जाय और बामानी हल दरयाफ़त करने की कोशिश की जाय ।

बोर्ड को फ़ौरी इक़दामात का हौसला दिखाना चाहीए ।