नए सदर अफ़्ग़ानिस्तान अब्दुल ग़नी की हलफ़ बर्दारी

साबिक़ अमरीकी शहरी माहिर तालीमात अशर्फ़ ग़नी को आज अफ़्ग़ानिस्तान के नए सदर की हैसियत से हलफ़ दिलाया गया। उन्हों ने अपने अव्वलीन सदारती ख़िताब में तालिबान शोर्श पसंदों से अपील की कि 13 साल की जंग के बाद वो अमन मुज़ाकरात के लिए तैयार हो जाएं।

काबुल के क़सरे सदारत में मुनाक़िदा ये तक़रीब हलफ़ बर्दारी अफ़्ग़ानिस्तान में पहला जम्हूरी तरीक़े से इक़्तेदार से मुंतक़ली का वाक़िया है और इस से हामिद करज़ई के दौरे इक्तेदार के बाद एक नए बाब का आग़ाज़ होगा। हामिद करज़ई तालिबान की 2001 में इक़्तेदार से बेदख़ली के बाद मुसलसल सदर अफ़्ग़ानिस्तान थे।

जून के सदारती इंतिख़ाबात धोकादही की बिना पर तनाज़आत का शिकार हो गए थे लेकिन बैनुल अक़वामी अतीया दहिंदगान ने आज की तक़रीब हलफ़ बर्दारी का ख़ैर मक़दम करते हुए इसे फ़ौजी और सीवीलीन मुदाख़िलत के बजाय एक कलीदी विर्सा क़रार दिया।

अमरीका ज़ेरे क़ियादत नैटो का फ़ौजी मिशन आइन्दा तीन माह में इख़तेताम पज़ीर होगा लेकिन तालिबान क़ौमी इस्तिहकाम के लिए मुसलसल ख़तरा बने रहेंगे, क्योंकि हालिया महीनों में उन्हों ने कई ताज़ा जारिहाना हमले किए हैं।

अब्दुल ग़नी ने हलफ़ उठाने के बाद अपनी तक़रीर में कहा कि हम हुकूमत के मुख़ालिफ़ीन से खासतौर पर तालिबान औरहिज़्बे इस्लामी से ख़ाहिश करते हैं कि अमन मुज़ाकरात और सियासी मुज़ाकरात में शामिल हो जाएं। उन्हों ने कहा कि अगर उन्हें कोई मसाइल हों तो वो हम से कह सकते हैं।