नए क़ाइदीन के सेलाब से पुराने क़ाइदीन पस-ए-मंज़र में

हैदराबाद:ग्रेटर हैदराबाद इंतेख़ाबात में बलदिया पर क़बज़े के लिए टीआरएस में दीगर जमातों के क़ाइदीन की शमूलियत के सेलाब ने पार्टी के सीनियर क़ाइदीन और कैडर को तशवीश में मुबतला कर दिया है। रोज़ाना बड़ी तादाद में क़ाइदीन की शमूलियत के ज़रिये टीआरएस 150रुकनी बलदिया में70 ता 80नशिस्तों पर कामयाबी का निशाना रखती है पार्टी को मुस्तहकम करने की ये कोशिश दाख़िली तौर पर नाराज़गी का सबब बन रही है।

इसका अंदाज़ा उस वक़्त हुआ जब गुज़िश्ता15 बरसों से पार्टी से वाबस्ता कई सीनियर क़ाइदीन ने इंतेख़ाबी मुहिम से दूरी इख़तियार करली और बाज़ ने खुल कर अपनी नाराज़गी का क़ाइदीन के सामने इज़हार किया। इन हालात में पार्टी क़ियादत एक तरफ़ ग्रेटर हैदराबाद में कामयाबी तो दूसरी तरफ़ नाराज़ क़ाइदीन को मनाने की कोशिशों में जुट गई है।

आर ने सीनियर क़ाइदीन को तयक़्क़ुन दिया कि उनके साथ कोई नाइंसाफ़ी नहीं होगी पार्टी और हुकूमत के ओहदों में तर्जीह दी जाएगी। वाज़िह रहे कि असेम्बली इंतेख़ाबात से क़बल कई साबिक़ वुज़रा और अरकाने असेम्बली ने टीआरएस में शमूलियत इख़तियार करली थी और उन्हें पार्टी ने असेम्बली और लोक सभा का टिकट दिया।

उनमें ऐसे क़ाइदीन भी शामिल थे जो मुख़ालिफ़ तेलंगाना मुहिम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले चुके थे। हुकूमत की तशकील के बाद कई साबिक़ तेलुगुदेश‌म क़ाइदीन को काबीना में जगह दी गई। अब जबकि बलदी इंतेख़ाबात की मुहिम उरूज पर है ग्रेटर हैदराबाद पर क़बज़े के लिए तेलुगुदेशम और कांग्रेस के कई अवामी नुमाइंदों को पार्टी में शामिल किया गया और ये सिलसिला अभी भी जारी है।

सीनियर क़ाइदीन को पार्टी की इंतेख़ाबी मुहिम में शामिल रखने के लिए के टी आर, कवीता, डाक्टर के केशव राव‌ और शहर से ताल्लुक़ रखने वाले रियासती वुज़रा ने अपनी कोशिशों का आग़ाज़ कर दिया है और उन्हें यक़ीन है कि इंतेख़ाबी मुहिम में नए और पुराने दोनों क़ाइदीन मुत्तहदा तौर पर शामिल होंगे।

सियासी मुबस्सिरीन का मानना है कि टीआरएस में पार्टी के क़ियाम के वक़्त तए की गई पालिसी से इन्हिराफ़ कर लिया गया और मुख़ालिफ़ तेलंगाना क़ाइदीन आज हुकूमत और पार्टी दोनों में अहम ओहदों पर फ़ाइज़ हो चुके हैं ऐसे में ग्रेटर हैदराबाद की इंतेख़ाबी मुहिम पर-असर पड़ सकता है।

कई हलक़े एसे हैं जहां नए क़ाइदीन की शमूलियत के बाद सीनियर और क़दीम कारकुनों ने मुहिम से दूरी इख़तियार करली। अब देखना ये है कि टीआरएस क़ियादत पुराने और नए क़ाइदीन के इस तनाज़े को ख़ुशगवार अंदाज़ में किस तरह निमट पाएगी|