नज़ीब जंग को एएमयू का वीसी बनाए जाने की खबर से खुश नहीं है ओल्ड बॉयज

अब्दुल हमीद अंसारी, कोलकाता। नज़ीब जंग ने जब दिल्ली उपराज्यपाल से इस्तीफा दिया था तो यह खबर सभी को आश्चर्य लगा। अपने इस्तीफे से देश को चौंका दिया था। मगर इसके असल मायने अब सामने आ रहे हैं। खबर यह है कि नज़ीब जंग को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का वीसी बनाया जा सकता है। यह खबर इस्तीफे से कम चौंकाने वाली नहीं है।

खबरों की माने तो दिल्ली के उपराज्यपाल रहे नज़ीब जंग इस लिस्ट में सबसे ऊपर चल रहें हैं। यह खबर आते ही इस्तीफे के मायने समझ में आने लगी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अक्सर तकरार को लेकर विवादों में रहे नज़ीब जंग को सियासत की अच्छी समझ है।

उनकी नजदीकी मौजूदा सत्ता दल से जगजाहिर है। आपको बता दूं कि इस्तीफा देने के बाद उन्होंने ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए नज़ीब जंग ने प्रधानमंत्री मोदी की खूब तारीफ की थी। उन्होंने ये भी कहा था कि पीएम मोदी अल्पसंख्यको को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए नज़ीब जंग ने यह भी कहा था कि उनके जैसा नेता कभी नहीं देखा है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीसी बनाया जा सकता है, खबर आने के बाद मैंने कोलकाता में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुछ पूर्व छात्रों से बात की। लगभग सभी पूर्व छात्रों ने इस मामले में अपनी नाराजगी जताई है। पूर्व छात्रों का कहना है कि यह अच्छी खबर नहीं है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए। केंद्र सरकार से चल रही अहम मुद्दों पर लड़ाई लड़ रही विश्वविद्यालय को नुकसान पहुंच सकता है।

पूर्व छात्रों का कहना है कि केंद्र सरकार अपने हिडन ऐजेंडे को लागू करना चाहती है, इसलिए शायद नज़ीब जंग जैसे अपने लोगों को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का वीसी बनाने की कोशिश करेगी। मालूम हो कि माइनॉरिटी स्टेट्स को लेकर कोर्ट में केस है। मोदी सरकार आने के बाद विश्वविद्यालय को माइनॉरिटी स्टेट्स देने के पक्ष में नहीं है। आपको बता दें कि सचर कमेटी की रिपोर्ट में देश में मुसलमानों के शिक्षा पर चिंता जताई गई है। लोगों का कहना है कि अगर नज़ीब जंग को वीसी बनाया गया तो केंद्र सरकार की नियत पर सवाल खड़े होंगे।

मुस्लिम शिक्षण संस्थानों में अलीगढ़ सबसे बड़ी संस्थान है, जहां देश भर से लोग जाकर तालीम हासिल करते हैं। आपको बता दें कि इस यूनिवर्सिटी में देश के अलावा बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भी कई देशों से लोग आकर तालीम हासिल करते हैं।