नमाजी टोपी मामले पर गुजरात सीएम की माफी

गुजरात की वज़ीर ए आला आनंदीबेन पटेल ने गुजरात पुलिस के एंटी-टेरर मॉक ड्रिल में नकली दहशतगर्दों को नमाजी टोपी पहनाए जाने के मामले में माफी मांगी है। सूरत पुलिस ने ओलपाड के करीब डाभरी में यह मॉक ड्रिल किया था।

ड्रिल के दौरान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को हिंदुस्तान में घुसने की कोशिश कर रहे दहशतगर्दों को रोकने की जिम्मेदारी दी गई थी। कुछ राउंड की नकली फायरिंग के बाद एसओजी ने दहशतगर्दों को असलहों और मोबाइल सेट के साथ गिरफ्तार कर लिया। गुजरात बीजेपी माइनॉरिटी सेल के प्रेजिडेंट मेहबूब अली चिश्ती ने कहा, नमाजी टोपी पहन कर कोई भी दहशतगर्द नहीं आता।

पुलिस को इन मामलों में ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है और दहशतगर्द को किसी भी मज़हब से जोड कर नहीं देखना चाहिए। मैं खुद इस मामले की जांच करूंगा। एसओजी के इंस्पेक्टर बीसी ठक्कर ने अपना बचाव करते हुए कहा, मॉक ड्रिल में हिस्सा लेने वालों से नमाजी टोपी पहनने को इसलिए कहा गया ताकि उनकी अलग से पहचान की जा सके।

इसका मकसद किसी भी मज़हब से दहशतगर्द को जोडने का नहीं था। हालांकि सूरत के एसपी (देहात) प्रदीप सेजुल ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। बता दें, गुजरात पुलिस के इस तरीके से की गई इस मॉक ड्रिल की मीडिया में जमकर खिंचाई हुई है।