नमाज़ों का एहतिमाम स्वास्थ्य रख्शा का ज़ामिन

हैदराबाद। तंदूरस्ती इंसान के लिए एक अन्मोल मोती है। इंसान के लिए उस की हिफ़ाज़त करना ज़रूरी है।

सेहत ही की वजह से ज़िंदगी ख़ुशहाल-ओ-ख़ुशगवार होती है और इस नेमत की नाक़द्री और लापरवाही की वजह से ज़िंदगी मुकद्दर होजाती है और इस नेमत पर रब तबारक‍ ओ‍ ताला की जिस क़दर शुक्र गुज़ारी की जाए, कम है।

इन ख़्यालात का इज़हार जामिअत उलमोमीनात मूग़लपूरा मैं मुनाक़िदा दीनी इज्तेमा बरा ए दरस फ़िक़्ह-ओ-फ़िक़ही शरई मसाइल के दौरान हाफ़िज़ मुहम्मद साबिर पाशाह कादरी ने किया, जिस की निगरानी मौलाना मुहम्मद मस्तान अली नाज़िम आला जामीअत उलमोमीनात ने की।