नानावती कमीशन की मीयाद में 19 वीं तौसीअ

अहमदाबाद 01 जनवरी: (पीटीआई ) गुजरात में 2002 के मुस्लिम कश फ़सादाद की तहकीकात करने वाले नानावती कमीशन की मीआद में मज़ीद छः माह की तौसीअ कर दी गई है । अब ये कमीशन 30 जून 2013 तक काम करेगा । ये तौसीअ 19 वीं मर्तबा की गई है ।

कमीशन से ताल्लुक़ रखने वाले ओहदेदारों ने ये बात बताई। जस्टिस रीटायर्ड जी टी नानावती और जस्टिस रीटायर्ड अक्षय महित पर मुश्तमिल कमीशन को गुज़शता मर्तबा जारीया साल मार्च में तौसीअ दी गई थी जो आज ख़त्म होने वाली थी ।

कमीशन के सेक्रेटरी जी टी पटेल ने पी टी आई से बात चीत करते हुए कहा कि रियासती हुकूमत ने कमीशन की मीआद में 30 जून तक के लिए जुमला छः माह की तौसीअ की है । 2008 में इस कमीशन ने अपनी तहकीकात का एक मरहला मुकम्मल कर लिया था जो गोधरा में ट्रेन की बोगी जलाए जाने से मुताल्लिक़ थी ।

कमीशन का कहना था कि साबरमती एक्सप्रेस की बोगी को मंसूबा बंद साज़िश के तहत नज़र-ए-आतिश किया गया था । रियासती हुकूमत ने 3 मार्च 2002 को इस कमीशन का क़ियाम अमल में लाया था और जस्टिस के जी शाह पर मुश्तमिल था । इब्तिदा में इस कमीशन को ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी कि वो साबरमती एक्सप्रेस की बोगी नज़र-ए-आतिश किए जाने के ताल्लुक़ से हक़ायक़ हालात और इसके बाद पेश आने वाले वाक़ियात की तहकीकात करे ।

बाद में इसमें तरमीम की गई । मई 2002 में हुकूमत गुजरात ने रीटायर्ड जज जस्टिस जी टी नानावती को कमीशन का सदर नशीन नामज़द किया था । जून 2002 में कमीशन के क़वाइद कार में तबदीली की गई थी ।