नई दिल्ली। जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लड़ने के लिए जल्द ही एक गैर राजनीतिक मंच बना सकते हैं। भाजपा से नीतीश कुमार के गठबंधन के बाद से दोनों नेताओं के बीच दूरियां लगातार बढ़ती जा रही है।
एक ओर जहां नीतीश कुमार ने शरद यादव के करीबी बिहार के २१ नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया, वहीं शरद भी पीछे हटने को तैयार नहीं। शरद गुरुवार 17 अगस्त को देश की साझा संस्कृति पर एक कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं। उन्होंने ज्यादातर विपक्षी नेताओं को कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है।
उन्होंने महाराष्ट्र के किसान व स्वाभिमानी शेटकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी को भी बुलाया है। उनकी पार्टी फिलहाल महाराष्ट्र में एनडीए का हिस्सा हैं। इनके अलावा भीमराव अंबेडकर के पोते व दलित नेता प्रकाश अंबेडकर को भी आमंत्रित किया गया।
दोनों ही नेताओं ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और सीपीआई (एम) की ओर महासचिव सीताराम यचुरी शामिल होंगे सूत्रों के अनुसार शरद यादव इसी मंच से गैर राजनीतिक फोरम बनाने की घोषणा कर सकते हैं।
कॉन्फ्रेंस का नाम साझा विरासत बचाए सम्मेलन रखा गया है। सूत्रों के अनुसार कॉन्फ्रेंस के नाम पर ही मंच का नाम भी ‘सेव का कम्पोजिट कल्चर फोरम’ रखा जा सकता है।
शरद यादव सोमवार को सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम यचुरी से मिले थे। यह कॉन्फ्रेंस पूरे बिहार में शरद यादव के रोड शो के बाद किया जा रहा है। शरद यादव गुट का दावा है कि उन्हें जदयू की १४ राज्य ईकाइयों का समर्थन हासिल है।
हालांक जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि केवल पांच राज्य ईकाइयों को ही चुनाव आयोग से मान्यता मिली हुई है। ऐसे में १४ ईकाइयों के समर्थन की बात गलत है।