नेक अख्लाक़

हजरत मआज़ बिन जबल रज़ी अल्लाहु तआला अन्हों ने सफर पर जाते हुए अरज़ किया, या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम मुझे कुछ नसीहत फरमाएं! फरमाया, हमेशा नेक अख्लाक़ का पाबन्द रहना। (इब्ने हिबान)