नेपाल में विवाह करने के लिए भारतीय नागरिकता का देना होगा त्याग।

भारत नेपाल की बरसों से चली आरही रोटी-बेटी की नीति की राह अब मुश्किल हो गयी है। नेपाल सरकार द्वारा ये आदेश दिए गये हैं की भारतीय बेटियों को नेपाल में विवाह करने के बाद वहाँ की नागरिकता के लिए अपनी विवाह की सार्वजनिक सूचना नेपाल के पत्र और पत्रिकाओं को देकर प्रकाशित करानी होगी। और साथ में भारतीय नागरिकता के काग़ज़ातों को रद्द करना होगा।

कड़े किए गए नागरिकता नियम के अनुसार, अब भारतीय महिला को नेपाल के नागरिक से विवाह करने पर नए नागरिकता कानून-2063 के तहत नेपाल सरकार से पंजीकृत समाचार पत्र-पत्रिका में विवाह की सार्वजनिक सूचना जारी करनी होगी। साथ ही विवाहिता को भारत का मतदाता पत्र व अन्य लाइसेंसी कागजात रद्द कराने पड़ेंगे, तब नेपाल नागरिकता का आवेदन होगा।

कपिलवस्तु के प्रमुख जिला अधिकारी विष्णु ढकाल ने इस नए नियम की जानकारी देते हुए बताया कि नेपाली नागरिक से विवाह करने वाले भारतीय लड़कियों को सार्वजनिक घोषणा और निरस्तीकरण के बाद नगर पंचायत अथवा ग्राम पंचायत से प्रमाणित प्रति के साथ आवेदन करना होगा। इसके बाद ही जिलाधिकारी कार्यालय से भारतीय बेटियों को नागरिकता मिल सकेगी।

इससे पहले, केवल नगर और ग्राम पंचायतों के प्रमाणित करने भर से नेपाल की नागरिकता मिल जाती थी। नेपाल तराई के मधेस क्षेत्र में अधिकतर हिंदी भाषी समुदाय के लोग रहते हैं, जिनके वैवाहिक संबंध भारत से होते रहे हैं। इस नए नियम से लोगों में असमंजस के हालात हैं।
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