नोटों पर प्रतिबंध बिना सोचे समझें लिया गया कदम: चिदंबरम

केंद्र का नोटबंदी  का निर्णय एक ” बिना सोचा समझा” कदम है । इस कदम ने देश की अर्थव्यवस्ता को न ही बुरी तरह क्षतिगट किया है, परंतु वर्णित तीनो उद्देश्यों – “भ्रष्टाचार,जाली मुद्रा और काले धन से मुक्ति” को पाने में भी असमर्थ रहा है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भूतपूर्व वित् मंत्री प.चिदंबरम ने रविवार को कहा ।

 

“ड हिन्दूस लिट् फॉर लाइफ” कार्यक्रम में एक चर्चा जिसका विषय था “रीबूटिंग ड इकॉनमी” में श्री चिदंबरम ने कहा की नोटबंदी  के कारण १०५ लाख करोड़ के सकल घरेलू उत्पाद पर सीधा प्रभाव पड़ा है ।

 

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बयान की “नोटबंदी  के कारण भ्रष्टाचार ख़तम हो गया”, उसपर सवाल उठाते हुए कहा की २ इंजीनियरों को कांडला बंदरगाह पर ₹ २००० की १२४ नोटों के साथ पकड़ा गया है ।

 

अर्थव्यवस्था पर वित्तीय निहितार्थ के अलावा, नोटबंदी  के कारण लोगों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है ; उन्होंने पूछा की उस सब की क्षतिपूर्ति कौन करेगा।