नौजवान नसल में उर्दू से दूरी बाइस तशवीश, एडीटर्स कान्फ़्रैंस ख़ुश आइंद इक़दाम

हैदराबाद, ०१ जनवरी: ( सियासत न्यूज़ ) उर्दू एडीटर्स पर ज़िम्मेदारी आइद होती है कि वो उर्दू ज़बान की तरक़्क़ी-ओ-तरवीज के लिए इक़दामात का आग़ाज़ करें। नौजवान नसल में अंग्रेज़ी के बढ़ते हुए रुजहान और उर्दू से दूरी पर इज़हार-ए-तशवीश करते हुए सदर तेलगुदेशम मिस्टर एन चंद्रा बाबू नायडू ने एडीटर उन को मश्वरा दिया कि वो अपने क़ारईन की तादाद में इज़ाफ़ा के इलावा तहफ़्फ़ुज़ उर्दू केलिए भी कोशिशों का आग़ाज़ करें।

मिस्टर नायडू आलमी उर्दू ऐडीटर्स कान्फ़्रैंस की इख़ततामी तक़रीब से ख़िताब कर रहे थे। जनाब ज़ाहिद अली ख़ां की ज़ेर-ए-सदारत मुनाक़िद हुई इस इख़ततामी तक़रीब में जनाब महमूद शाम, जनाब अहमद सईद मलीहाबादी, जनाब इबराहीम बिन अबदुल्लाह मस्क़ती, जनाब एस एम लाल जान पाशा, जनाब अल्हाज मुहम्मद सलीम के इलावा दीगर मोअज़्ज़िज़ीन शहर की कसीर तादाद मौजूद थे।

सदर तेलगुदेशम पार्टी ने इस मौक़ा पर अपने ख़िताब के दौरान मुस्लमानों को तालीम और मुलाज़मतों में तहफ़्फुज़ात के इलावा सयासी तहफ़्फुज़ात को भी नागुज़ीर क़रार देते हुए कहा कि तेलगुदेशम इक़तिदार हासिल करने की सूरत में ज़रूरत पड़ने पर दस्तूरी तरमीम के ज़रीया मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने तैय्यार है। उन्हों ने बताया कि मुस्लिम क़ौम हिंदूस्तान में अदम तहफ़्फ़ुज़ का शिकार ज़िंदगी गुज़ार रही है जिन में एतिमाद पैदा करना वक़्त की अहम ज़रूरत है।

मिस्टर नायडू ने आलमी उर्दू ऐडीटर्ज़ कान्फ़्रैंस को ख़ुश आइंद इक़दाम क़रार देते हुए कहाकि तमाम एडीटर इन ज़बान के तहफ़्फ़ुज़ के लिए मुत्तहदा तौर पर आगे आएं और इस बात की फ़िक्र करें कि इस तहज़ीबी-ओ-सक़ाफ़्ती विरसे से मालामाल ज़बान को ख़तन होने से कैसे बचाया जा सके।

उन्हों ने बताया कि उर्दू बोलने वालों की पाकिस्तान से ज़्यादा तादाद हिंदूस्तान में है लेकिन नौजवान नसल में अंग्रेज़ी का रुजहान इस ज़बान केलिए ख़तरनाक साबित होरहा है। उन्हों ने तेलगुदेशम दौर-ए-इक्तदार में उर्दू केलिए किए गए इक़दामात का तज़किरा करते हुए कहा कि सब से पहले तेलगुदेशम पार्टी ने रियासत में उर्दू को दूसरी सरकारी ज़बान का मौक़िफ़ फ़राहम किया और उर्दू असातिज़ा के तक़र्रुत से तहफ़्फुज़ात के कोटा को ख़तन करते हुए डी एस सी का इनइक़ाद अमल में लाया ताकि उन्हें असातिज़ा को उर्दू की जायदादों पर तक़र्रुत फ़राहम किए जा सकें जो उर्दू से अच्छी तरह वाक़िफ़ हैं।

मिस्टर एन चंद्रा बाबू नायडू ने बताया कि तेलगुदेशम पार्टी ने अपने दौर-ए-हकूमत में ओक़ाफ़ी जायदादों को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम किया जिस में ईदगाह गटला बेगमपेट की जायदाद शामिल है, जिस की क़ीमत 2000 करोड़ से तजावुज़ कर चुकी है। उन्हों ने बतायाकि मुस्लमान मआशी-ओ-तालीमी पसमांदगी का शिकार हैं अगर सिर्फ ओक़ाफ़ी जायदादों के सही इस्तिमाल से मुस्लमानों की पसमांदगी को दूर करने के इक़दामात किए जाएं तो बड़ी हद तक इतमीनान बख़श नताइज बरामद होंगी। मिस्टर एन चंद्रा बाबू नायडू ने बताया कि तेलगुदेशम पार्टी मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी के हक़ में है और दस्तूरी तरमीम के लिए तैयार है।

उन्हों ने कहा कि मुदीर उन अख़बारात और सियासतदां मुशतर्का तौर पर समाज में बेहतरी पैदा करने के लिए कलीदी किरदार अदा कर सकते हैं।मिस्टर नायडू ने आलमी उर्दू एडीटर्स कान्फ़्रैंस के इनइक़ाद पर जनाब ज़ाहिद अली ख़ां और इदारा सियासत को मुबारकबाद पेश करते हुए कहाकि इस तरह की कान्फ़्रैंसों के ज़रीया आपसी मेल मिलाप में इज़ाफ़ा किया जा सकता है जोकि देरपा और बेहतर ताल्लुक़ात का बाइस बनेगा।

मिस्टर नायडू ने कान्फ़्रैंस के अग़राज़-ओ-मक़ासिद की तकमील केलिए नेक तमन्नाओं का इज़हार किया। उन्हों ने उर्दू की तरक़्क़ी केलिए इक़दामात में मुम्किना तआवुन का तीक़न देते हुए कहा कि तॆलगुदेशम पार्टी एक सैकूलर जमात है जिस में तमाम तबक़ात को नुमाइंदगी फ़राहम की गई है।

जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने बताया कि दुनिया ये देख रही है कि फ़ी ज़माना उर्दू बोलनी, पढ़ने और लिखने वालों की तादाद दुनिया के हर गोशे में पहुंच चुकी है। उन्हों ने बताया कि जापान से अमरीका और रूस से आस्ट्रेलिया तमाम ममालिक में उर्दू के क़ारईन मौजूद हैं। उन्हों ने आलमी एडीटर्स् कान्फ़्रैंस के दौरान पेश किए गए मक़ालों और मसाइल का तज़किरा करते हुए कहा कि आलमी ऐडीटर्स कान्फ़्रैंस के इनइक़ाद का मक़सद ही मसाइल से आगही और उन के हल तलाश करना था।जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने बताया कि कान्फ़्रैंस में जिन उमोर पर तबादला-ए-ख़्याल किया गया है इस से उन्हें इस बात की उम्मीद है कि इस मौक़ा पर बनाई गई मुस्तक़िल तंज़ीम उर्दू सहाफ़ती इदारों के मसाइल को हल करते हुए उन के मआशी इस्तिहकाम पर तवज्जा मबज़ूल करेगी।

ऐडीटर सियासत ने अपने ख़िताब के दौरान बताया कि उर्दू एडीटर्स आलमी सतह पर अवामी ज़हन साज़ी के ज़रीया अपनी ताक़त का एहसास दिला सकते हैं बशर्तिके इन में इत्तिहाद पैदा हो। जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने मिस्टर एन चंद्रा बाबू नायडू से ख़ाहिश की कि वो मुस्लमानों को तालीम और मुलाज़मतों में तहफ़्फुज़ात के इलावा सयासी तहफ़्फुज़ात फ़राहम करते हुए इन का एतिमाद बहाल करें। उन्हों ने बताया कि हिंदूस्तान को आज मिस्टर नायडू जैसे एक मुदब्बिर क़ाइद की ज़रूरत है जो मुल्क को तरक़्क़ी की राह पर गामज़न करते हुए बर्र-ए-सग़ीर में अमन-ओ-अमान का माहौल पैदा करने में मददगार साबित हो।

जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने बताया कि सदर तेलगुदेशम मिस्टर एन चंद्रा बाबू नायडू को माज़ी में मुल़्क की बागडोर सँभालने के दो मवाक़े हासिल हुए थे लेकिन मिस्टर नायडू ने यके बाद दीगरे मिस्टर इन्द्र् कुमार गुजराल और मिस्टर देवेगौड़ा को वज़ीर-ए-आज़म बनाने की ताईद की। उन्हों ने उमीद ज़ाहिर की कि मिस्टर नायडू उर्दू के फ़रोग़ और इस की बक़ा केलिए उर्दू वालों को मुम्किना मदद फ़राहम करेंगी।

जनाब अहमद सईद मलीहाबादी रुकन राज्य सभा एज़ाज़ी मेहमान बराए इख़ततामी इजलास ने सदर तेलगुदेशम को बेहतरीन सियासतदां क़रार देते हुए कहा कि आलमी उर्दू एडीटर्स् कान्फ़्रैंस की इख़ततामी तक़रीब में मिस्टर नायडू की मौजूदगी इस बात का सबूत है कि उर्दू सहाफ़त और ज़बान मुल्क के तमाम मज़ाहिब के लोगों केलिए दिलचस्पी का बाइस है। उन्हों ने बताया कि मिस्टर नायडू इक़तिदार में रहते हुए तो रियासत के साथ साथ उर्दू केलिए बहुत कुछ कर चुके हैं लेकिन इक़तिदार में ना रहते हुए भी वो उर्दू ज़बान के तहफ़्फ़ुज़, तरक़्क़ी-ओ-तरवीज केलिए बहुत कुछ कर सकते हैं।

उन्हों ने मिस्टर नायडू से ख़ाहिश की कि वो उर्दू वालों को साथ लेकर चलें और ज़बान की तरक़्क़ी में कलीदी किरदार अदा करें। उन्हों ने मिस्टर नायडू के दौर-ए-इक्तदार की सताइश करते हुए कहा कि मिस्टर नायडू के दौर में शहर हैदराबाद को आलमी सतह पर मुनफ़रद शनाख़्त हासिल हुई है। मारूफ़ सहाफ़ी पाकिस्तान जनाब महमूद शाम ने इख़ततामी तक़रीब से ख़िताब के दौरान बताया कि इस कान्फ़्रैंस के ज़रीया ताल्लुक़ात वसीअ होंगे और दुनिया भर के उर्दू एडीटर्स एक छत तले जमा हुए हैं।

उन्हों ने जनाब ज़ाहिद अली ख़ां से इज़हार-ए-तशक्कुर करते हुए उन्हें ख़िराज-ए-तहिसीन पेश किया और कहा कि उरदोजनाब ज़ाहिद अली ख़ां की ममनून रहेगी।उन्हों ने आलमी उर्दू कान्फ़्रैंस के इनइक़ाद को एक जरा॔तमनदाना इक़दाम क़रार दिया चूँकि एक ही पेशा से ताल्लुक़ रखने वाले कई अफ़राद को एक जगह जमा करना मामूली काम नहीं है। जनाब महमूद शाम ने बताया कि पाकिस्तान से आए हुए एडीटर्स् पाकिस्तान की जानिब से मुहब्बत का पैग़ाम लेकर आए थे और उन्हें जज़बात-ओ-एहसासात को लेकर रवाना हो रहे हैं।

उन्हों ने बताया कि जिन मुहब्बतों की तवक़्क़ुआत हम ने वाबस्ता की थीं इस से कहीं ज़्यादा मुहब्बतें हमें इस कान्फ़्रैंस में मिली हैं। उन्हों ने बताया कि उन्हें ये कहते हुए बेइंतिहा मुसर्रत होरही है कि आलमी एडीटर्स् कान्फ़्रैंस 2012 की मेज़बानी पाकिस्तान करेगा जो कि साल के अवाख़िर में पाकिस्तान के शहर कराची में मुनाक़िद होगी। जनाब इबराहीम बिन अबदुल्लाह मस्क़ती रुकन क़ानूनसाज़ कौंसल-ओ-कन्वीनर इजलास ने इस मौक़ा पर ख़िताब करते हुए कहा कि जब तक उर्दू ज़रीया तालीम को फ़रोग़ नहीं दिया जाता उस वक़्त तक उर्दू की तरक़्क़ी-ओ-तरवीज नामुमकिन है।

जनाब मस्क़ती ने उर्दू एडीटर उन से ख़ाहिश की कि वो उर्दू की तरक़्क़ी के लिए हुकूमत पर तकिया करने के बजाय उर्दू वालों में इस बात का शऊर पैदा करें कि वो अपनी आइन्दा नस्लों में उर्दू के फ़रोग़ के लिए उर्दू ज़रीया तालीम को लाज़िमी क़रार दें।उन्हों ने बतायाकि तेलगुदेशम दौर-ए-हुकूमत में मिस्टर नायडू उर्दू को रोज़गार से जोड़ने के लिए मंसूबा बंदी कर रहे थे और उन की ये कोशिश थी कि हर महिकमा में उर्दू ज़रीया तालीम रखने वाले एक मुलाज़िम का तक़र्रुर अमल में लाया जाए।

उन्हों ने बताया कि जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने आलमी उर्दू एडीटर्स् कान्फ़्रैंस के ज़रीया जो पैग़ाम पहुंचाने की कोशिश की है वो काबिल मुबारकबाद है। जनाब इबराहीम बिन अबदुल्लाह मस्क़ती ने बताया कि इस कान्फ़्रैंस में उन्ही लोगों ने शिरकत की है जोकि उर्दू और इस की तरक़्क़ी, तरवीज-ओ-इशाअत से दिलचस्पी रखते हैं।जनाब आबिद सिद्दीक़ी ने इख़ततामी तक़रीब की निज़ामत के फ़राइज़ अंजाम दिये।

आख़िर में अल्लामा एजाज़ फ़र्ख़ ने शुक्रिया अदा किया। तक़रीब के दौरान बैरूनी मंदो बैंको मिस्टर एन चंद्रा बाबू नायडू के हाथों यादगार तोहफ़े पेश किए गए।