न्यूक्लीयर मुआहिदा पर अमल आवरी हिंदूस्तान की ज़िम्मेदारी: अमरीका

वाशिंगटन। 10 अक्टूबर (पी टी आई)। वज़ीर-ए-ख़ारजा अमरीका हलारी क्लिन्टन ने हिंदूस्तान को ज़िम्मेदार क़रार देते हुए कहा कि अमरीका ने वाज़िह करदिया है कि बाहमी सियोल न्यूक्लीयर मुआहिदा पर अमल आवरी में हमें पेशरफ़्त की इजाज़त देना हिंदूस्तान की ज़िम्मेदारी है। उन्हों ने इस सवाल पर कि क्या हिंदूस्तान का न्यूक्लीयर वाजिबात बिल हिंद। अमरीका बाहमी ताआल्लुक़ात में रुकावट है, कहा कि अमरीका, हिंदूस्तान के साथ सियोल न्यूक्लीयर तआवुन में तौसीअ का मुकम्मल तौर पर पाबंद है और वाज़िह करचुका है कि हमें पेशरफ़्त की इजाज़त देने के लिए हिंदूस्तान को ख़ुसूसी इक़दामात करने होंगे। न्यूक्लीयर नुक़्सानात के ज़िमनी मुआवज़ा की अदायगी के कनवेनशन को मंज़ूरी दीनी और बैन-उल-अक़वामी ऐटमी तवानाई इदारा को शामिल करके इस बात को यक़ीनी बनाना होगा कि वाजिबात निज़ाम बैन-उल-अक़वामी मयारों के मुताबिक़ हो। उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान का वाजिबात निज़ाम तनाज़ा की जड़ है, जो इस के और इस के कई न्यूक्लीयर शराकत दारों के दरमयान पाया जाता है। इन ही में अमरीका शामिल है जिस ने इस बारे में हिंदूस्तानी क़ानून के बाअज़ पहलोॶं के बारे में तहफ़्फुज़ात ज़ाहिर किए हैं। अंदेशा है कि ये पहलू ग़ैर मुल्की सरबराह कननदों पर न्यूक्लीयर हादिसा की सूरत में भारी जुर्माना आइद करसकते हैं। ताहम हिंदूस्तानी ओहदेदारों ने इद्दिआ किया कि क़ानून बैन-उल-अक़वामी मयारों के मुताबिक़ है और हिंदूस्तान इस बात में अंदेशों का अज़ाला करने तैय्यार है और हिंदूस्तान जारीया साल के अवाख़िर तक सी एससी की मंज़ूरी दे देगा। क्लिन्टन ने इस मसला पर अमरीका की पाबंदी पर ज़ोर देते हुए मुंबई में मुनाक़िदा न्यूक्लीयर तवानाई तहफ़्फ़ुज़ चोटी कान्फ़्रैंस का हवाला दिया, जहां सियोल न्यूक्लीयर शोबा में ख़ानगी सरमाया कारी और मशग़ूलियत को फ़रोग़ देने से दिलचस्पी रखने वाली कई अमरीकी कंपनीयां शरीक थीं।