न्यूज़ीलैंड मस्जिदों पर हमले को ट्रम्प ने आतंकी हमला नहीं कहा तो अमेरीकी पत्रकार ने कही यह बड़ी बात!

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प द्वारा न्यूज़ीलैंड में मस्जिदों पर हुए आतंकवादी हमले को आतंकी हमला न कहने पर टीवी एंकर ने उनकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आतंकवाद को आतंकवाद कहे बिना निंदा पाखंड है और इस हमले को आतंकी हमला न क़रार देना मारे गए मुसलमानों का अपमान है।

समाचार एजेंसी तसनीम की रिपोर्ट के मुताबिक़, अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन पर अपने कार्यक्रम में एंडरसन कूपर का कहना था कि न्यूज़ीलैंड में मस्जिदों पर आतंकी हमला करने वाले आतंकियों द्वारा सोशल मीडिया पर जिस तरह के पोस्ट डाले गए हैं उससे उन आतंकियों के उद्देश्यों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, एंडरसन कूपर ने कहा कि दुनिया इस समय बहुत ही नाज़ुक दौर से गुज़र रही है जहां इंसान, इंसान के ख़ून का प्यासा होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरीक़े से न्यूज़ीलैंड की मस्जिदों पर हमला किया गया है उससे एक बात सिद्ध होती है कि हमारे समाज में ऐसा ज़हर घोला जा रहा है जिसके परिणाम बहुत ही घातक होने वाले हैं।

एंडरसन ने कहा कि इधर कुछ वर्षों से यह प्रचार-प्रसार किया जा रहा है कि पश्चिमी देशों के श्वेत लोगों को मुसलमानों से जान का ख़तरा है, जबकि इस तरह की सारी बातें केवल एक बकवास है।

सीएनएन के एंकर एंडरसन कूपर ने कहा कि सैन बर्नार्डो के हमले के तुरंत बाद ही डोनल्ड ट्रम्प ने उसे इस्लामिक आतंकवाद क़रार देते हुए सात इस्लामी देशों के नागरिकों के अमरीका प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।

एंडरसन ने कहा कि न्यूज़ीलैंड हमले के बाद ट्रम्प की जो प्रतिक्रिया थी वह वैसे ही थी जैसे मस्जिदों पर आतंकी हमला नहीं हुआ बल्कि 50 मुसलमान किसी प्राकृतिक आपदा के कारण हताहत हो गए हों। अमेरिकी पत्रकार ने श्वेत राष्ट्रवाद के अस्तित्व को पहचानने और उससे निपटने के लिए कड़े क़दम उठाए जाने के महत्व पर बल दिया है।

उल्लेखनीय है कि न्यूज़ीलैंड की मस्जिदों पर आतंकवादी हमला करने वाला आतंकी ब्रेंटन टैरेंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का समर्थक है और उसने आतंकी हमले से पहले ट्रम्प की जमकर तारीफ़ की है।

ज्ञात रहे कि शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में दो मस्जिदों पर एक आतंकवादी ने अंधाधुंध फ़ायरिंग करके हमला किया था जिसमें 50 लोग शहीद हुए और 50 के क़रीब घायल हुए हैं।