पंजा गुट्टा मैं आज़मीन का तर्बीयती इजतिमा, मुफ़्ती अबूबकर और दीगर का ख़िताब

हैदराबाद ३0 जुलाई:सदर नशीन आंधरा प्रदेश स्टेट हज कमेटी जनाब सय्यदख़लील उद्दीन अहमद ने क़ुरआ अंदाज़ी में मुंतख़ब आज़मीन-ए-हज्ज से ख़ाहिश की है कि वो हज की रक़म की दूसरी क़िस्त 31 जुलाई तक बहरसूरत अदा करदें। रबात मैं अलाटमैंट पर आज़मीन को फी कस 42,400 रुपय अदा करने होंगी। आज जामि मस्जिद बी साहिबापंजा गट्टा में हज कमेटी के ज़ेर-ए-एहतिमाम आज़मीन-ए-हज्ज के तर्बीयती इजतिमा सेख़िताब करते हुए उन्हों ने ये बात कही।

जनाब सय्यद ख़लील उद्दीन अहमद ने कहाकि वेटिंग लिस्ट में 947 से 1281 तक के आज़मीन के लिए मुकम्मल रक़म अदा करने की आख़िरी तारीख़ 11 अगस्त ही। उन्हों ने कहाकि हज कमेटी की जानिब से आज़मीन-ए-हज्ज को हरमुमकिन सहूलत पहुंचाने की कोशिश की जा रही है और इस साल मज़ीद बेहतर इंतिज़ामात की मंसूबा बंदी की जा रही ही। इबतदा-ए-में ऐगज़ीक्यूटिव ऑफीसर जनाब अबदुलहमीद ने ख़ौरमक़दम करते हुए सफ़र के इंतिज़ामात से मुताल्लिक़ ज़रूरी उमोर ब्यानकई। मौलाना मुफ़्ती अबूबकर ने हज से मुताल्लिक़ उमोर और आदाब ज़यारत रोज़ा नबवीई ब्यान किए ।

उन्हों ने कहाकि हज ख़ालिस अल्लाह ताला की ख़ुशनुदी के लिए होना चाहिए हम तमाम आलाईशों और बुराईओं-ओ-गुनाहों से तौबा करके पाक-ओ-साफ़ होकर कुछ इस तरह हज और ज़यारत रोज़ा-ए-नबवी के लिए जाएं कि वापसी के बाद अगर किसी मुक़ाम पर अल्लाह के अहकाम की ख़िलाफ़वरज़ी होती हो और रसूल अकरम ई की सुन्नतें तोड़ी जाती हूँ तो उसे देख कर हमें वैसी ही तकलीफ़ और बेचैनी हो जो हमारी जान-ओ-माल को किसी किस्म के नुक़्सान से होती है।”

उन्हों ने ग़ीबत, लोगों की हक़तलफ़ी, सूदखोरी और बददियानती जैसी बुराईओं से भी तौबा करने की तलक़ीन की। डाक्टर फ़ज़ल उद्दीन ने मनासिक हज-ओ-उमरा पर तफ़सीली रोशनी डाली और हज के पाँच दिनों केमनासिक से वाक़िफ़ करवाया। रुकन हज कमेटी जनाब महमूद हुसैन अनजीनर ने सफ़र हज की तैयारि यों पर रोशनी डाली और आज़मीन के सवालात के जवाबात भी दिये। इसइजतिमा में आज़मीन की कसीर तादाद शरीक थी। ख़वातीन के लिए अलैहदा इंतिज़ामकिया गया था। दुआ के बाद नमाज़ ज़ुहर अदा की गई और इजतिमा का इख़तताम अमल में आया।