पटना : डीएम ऑफिस के हेड क्लर्क के मकान में चलता था सेक्स रैकेट

बिहार की दारुल हुकूमत की पुलिस ने हफ्ते की दोपहर शास्त्री नगर थाना इलाके के शिवपुरी मोहल्ले में ममता अपार्टमेंट के पीछे वाके सिंह हाउस में चल रहे ऐसे ही जिस्म फरोशी के अड्डे का खुलासा किया है। सेक्स रैकेट डीएम ऑफिस के हेड क्लर्क शैलेंद्र सिंह के मकान में चल रहा था। पुलिस ने मौके पर काबिल ऐतराज़ हालत में दो लड़कियों और कस्टमर राहुल कुमार (बोरिंग रोड का साकिन ) को गिरफ्त में लिया, जबकि राकेश सिंह उर्फ दिलीप सिंह समेत एक लड़की और एक नौजवान भागने में कामयाब रहे।

घर से पुलिस को भारी तादाद में कंडोम, दवाएं, लड़कियो की फोटो एलबम, सफेद रंग की नैनो कार (बीआर 01बीएक्स 0354), स्कूटी (बीआर 01बीक्यू 4210) समेत दिगर चीजें बरामद की हैं। राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं जिस्म फरोशी के धंधे में मुलव्वस दोनों लड़कियो को बहाली (Rehabilitation) के लिए एनजीओ के हवाले कर दिया गया।

धंधा चलाने वला और उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। पुलिस कप्तान ने बताया कि सरगना राकेश सिंह मोहल्ले का दबंग था। उसके धंधे का जाल गोरखपुर, लखनऊ और नेपाल तक फैला है। कम उम्र की लड़कियों को जिस्म फरोशी के धंधे में धकेला गया था। मकान मालिक शैलेन्द्र कुमार पर भी कार्रवाई की जाएगी।

एसएसपी मनु महाराज को खुफिया इत्तेला मिली कि जिस्म फरोशी का धंधा चल रहा है। इसके बाद टीम तश्कील की गई। टीम में शामिल एक दरोगा कस्टमर बन कर गया। वहां उसकी मुलाकात राकेश उर्फ दिलीप से हुई। रकम तय होने के बाद दिलीप उसे फोटो एलबम दिखाने लगा। यकीन होने के बाद दरोगा ने टीम को छापेमारी का इशारा कर दिया। पुलिस की भनक लगते ही दिलीप एक नौजवान व लड़की के साथ पीछे के रास्ते भाग निकला।

दिलीप ने शिवपुरी मोहल्ले में काफी खोजबीन करने के बाद हेड क्लर्क शैलेन्द्र का घर चुना था। उसने दस दिन पहले मकान के निचले फ्लोर पर दो बेडरूम का फ्लैट 9 हजार रुपए किराए पर लिया था। बेडरूम से बाहर निकलने का रास्ता है, जो सीधे बेली रोड पर मिलता है। वह एक औरत और छोटे बच्चे को साथ लेकर किराए की बात करने आया था। उसने अपना वोटर आइकार्ड दिया था, जिसमें नाम और पाटलिपुत्र का पता लिखा था।

दिलीप लड़कियों को होटलों व पार्टियों में भी सप्लाई करता था। मौके से पुलिस ने जो एलबम बरामद किया है, उसमें कई लड़कियों की नंगी तस्वीरे हैं। मौके से पकड़ी गई लड़कियों के मुताबिक दिलीप रइसजादों को एलबम में लड़कियों की तस्वीर दिखाता था, फिर कस्टमर की पसंद के मुताबिक वह लड़कियों को बताए गए पते पर भेजता था। इसके इलावा इंटरनेट और सोशल मीडिया साइट्स के ज़रिये से भी कस्टमर बुलाए जाते थे।

जिस्म फरोशी के धंधे में मुलव्वस लड़कियो ने बताया कि दिलीप एक घंटे तक मौज-मस्ती करने के लिए एक ग्राहक से तीन से चार हजार रुपए लेता था। उन्हें हर ग्राहक का चार सौ रुपया दिया जाता था। इसके अलावा उनके खाने-पीने, रहने और श्रृंगार का खर्च दिलीप बर्दाश्त करता था। जबकि उन लोगों को सिर्फ तीन से पांच सौ रुपए दिए जाते थे।