पतंजलि के लिए तूफानी ग्रोथ का दौर हुआ खत्म, मुश्किल में बाबा रामदेव की कंपनी

बाबा रामदेव की पतंजली आयुर्वेद की ग्रोथ पिछले एक साल में कमजोर हुई है। इसके पीछे पतंजलि की ज्यादातर प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तरफ से नैचुरल और हर्बल प्रॉडक्ट को लॉन्च किए जाने को वजह बताया जा रहा है। कैंटर वर्ल्डपैनल डेटा के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पतंजलि के वॉल्यूम में अक्टूबर से मार्च 2018 तक 7 पर्सेंट बढ़ोतरी हुई, जबकि अप्रैल से सितंबर 2017 तक यह 22 पर्सेंट थी। यह इसके पिछले साल के इसी अवधि के मुकाबले क्रमश: 52% और 49% कम है, जो काफी बड़ी गिरावट है।

यह हाल के दिनों में आई दूसरी रिपोर्ट है, जिसमें इशारा किया गया है पतंजलि ने अपने शिखर को छू लिया है। पिछले हफ्ते क्रेडिट सुइस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वित्त वर्ष 2018 में पतंजलि की सेल्स ग्रोथ में 4 साल बाद बढ़ोतरी नहीं हुई है। इससे पिछले के वित्त वर्ष तक कंपनी 100% सीएजीआर से ग्रोथ हासिल कर रही थी। हालांकि क्रेडिट सुइस ने पतंजलि की ऐक्चुअल सेल्स और ग्रोथ नंबर को लेकर कोई आकंड़ा नहीं दिया है।

पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने बताया, ‘एफएमसीजी सेक्टर में पतंजलि सबसे ज्यादा हलचल मचाने वाली कंपनी रही है। अब मार्केट में यह ब्रांड स्थापित हो गया है। हमारे मार्केट शेयर में बढ़ोतरी हो रही है। हम दूसरी एफएमसीजी कंपनियों के बराबर ग्रोथ हासिल कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘पतंजलि ने कुछ ही साल में कंज्यूमर फेसिंग आयुर्वेदिक बिजनेस को खड़ा किया है। हमने स्थापित मल्टीनैशनल ब्रांड्स को सभी कैटिगरी में चुनौती दी है।’

1997 में एक छोटी फार्मेसी से शुरुआत करने वाली पतंजलि के पास इस समय दो दर्जन से ज्यादा मेनस्ट्रीम एफएमसीजी प्रॉडक्ट्स हैं। इनमें टूथपेस्ट, शैंपू और दूसरे पर्सनलकेयर प्रॉडक्ट्स से लेकर कॉर्नफ्लेक्स और मिनटों में बनने वाले नूडल्स जैसे मॉडर्न फूड भी शामिल हैं। कंपनी की इस साल सेल्स करीब 10,500 करोड़ रुपये का रही। पतंजलि की सफलता में सबसे ज्यादा हाथ उसके हर्बल, आयुर्वेदिक और नेचुरल प्रॉडक्ट का रहा। कंज्यूमर गुड्स मार्केट की कुल बिक्री में इन कैटिगरी का 10 प्रतिशत हिस्सा है। वित्त वर्ष 2013 से 2018 के बीच इन कैटिगरी की सालाना ग्रोथ 21 पर्सेंट रही, जबकि इसके मुकाबले एफएमसीजी सेक्टर की सालाना ग्रोथ 11 पर्सेंट थी।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि पतंजलि की ग्रोथ के पीछे नयापन, बाबा रामदेव के प्रशंसकों का इसे अपनाना, वाजिब कीमत के साथ तेजी से विभिन्न कैटेगरी में एंट्री जैसी वजहें रहीं। हालांकि ब्रोकरेज फर्म एंबिट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक साल में सिर्फ टूथपेस्ट और शहद ही ऐसी कैटिगरी हैं, जिनमें पतंजलि का मार्केट शेयर बढ़ा है। वहीं साबुन और एडिबल ऑइल का मार्केट शेयर पहले जैसा ही बना रहा। हेयर ऑइल, शैंपू और बटर सेगमेंट में कंपनी के मार्केट शेयर में गिरावट आई है।