पहले इंडियन ग्रैंड प्रिक्स में सीबासटीन वेटल की शानदार फ़तह

ग्रेटर नोईडा। 31अक्टूबर (पी टी आई)। हिंदूस्तान की इफ़्तिताही फार्मूला 1 मोटर रेस में सीबासटीन वेटल ने शुरू से आख़िर तक अपनी सबक़त को बरक़रार इक्का रवाँ सीज़न में वेटल की ये लगातार ग्यारहवीं कामयाबी थी जो उन्हें आम महसूस हुई। ऐक्शण से भरपूर इफ़्तिताही इंडियन F1 ग्रैंड प्रिक्स में मेज़बान टीम सहारा फ़ोर्स इंडिया को एड्रियान सोटल के ज़रीया दो प्वाईंटस मिले जो आज नौवीं मुक़ाम पर रही।

बटन ने रैड बल को पीछे छोड़ने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। फेरारी के फर्नांडो अलांसो तीसरे मुक़ाम पर रही। रैड बल के मार्क वेबर को चौथा मुक़ाम मिला। एड्रियान सोटल आठवीं मुक़ाम से अपनी शुरूआत करते हुए तेरहवीं मुक़ाम पर पहुंच गई, लेकिन सहारा फ़ोर्स इंडिया के इस ड्राईवर ने बहरहाल अपना रास्ता बनाते हुए सोहर के सर्जेइ पेरेज़ को पीछे छोड़ दिया। इस तरह उन्हें नवां मुक़ाम हासिल हुआ। इस नतीजा से फ़ोर्स इंडिया छुटे मुक़ाम पर पहुंच गई है और अब सोहर और टू्रू रूसो पर उस को दस प्वाईंटस से सबक़त हासिल होचुकी है।

फ़ोर्स इंडिया के अब 51 मजमूई प्वाईंटस हैं। नारायण कारतीकीन जो वाहिद हिंदूस्तानी ड्राईवर थी, आख़िरी मुक़ाम से शुरू होकर सातवें मुक़ाम पर रही। वेटल ने जनसन बटन को दूसरे मुक़ाम पर छोड़ दिया जब कि लेविस हैमिल्टन जो पांचवें मुक़ाम पर इस दौड़ में शामिल हुए थी, सातवें मुक़ाम पर रही। हिंदूस्तान में अपनी नौईयत की पहली दिलचस्प-ओ-सनसनीखेज़ फार्मूला 1 ग्रैंड प्रिक्स में हैमिल्टन 24 वीं लयाप पर ब्राज़ील के फ़लिप मसह से टकराते हुए मौज़ू बेहस बन गए थी। इस वाक़िया के लिए मसह को पनालटी के साथ गुज़रने की इजाज़त दी गई।

सीबासटीन वेटल की कामयाबी के जश्न के तौर पर आँखों को चकाचोंद करदेने वाले शहि नशीन पर स्पोर्टस और बाली वुड सितारों की मौजूदगी ने चमक दमक में मज़ीद इज़ाफ़ा करदिया। सीबासटीन वेटल ने इस मौक़ा पर रिवायती इनकिसारी के साथ कहा कि ये बहुत ख़ूब रेस थी और इबतदा-ए-से सबक़त बरक़रार रखते हुए मैंने इस का लुतफ़ उठाया। अगरचे मुझे जनसन से कुछ मुसाबक़त दरपेश रही जो बाअज़ वक़्त मेरे क़रीब पहुंच चुके थी। बहरहाल ये पुरसकोन और इतमीनान बख़श दौड़ रही। कार भी काफ़ी मुतवाज़िन थी।

वेटल ने अपनी कामयाबी के जश्न के दौरान हालिया अर्सा के दौरान हादिसात में हलाक होने वाले अपने दो साथीयों को याद किया और कहा कि डॉन वहलडन और मार्को सुमन शैली के लिए मेरे मिले जले जज़बात-ओ-एहसासात हैं। अगरचे हिंदूस्तान के पहले ग्रैंड प्रिक्स मुक़ाबला में शानदार कामयाबी पर मुझे फ़ख़र है, लेकिन इस के साथ हाल ही में अपने दो साथीयों की मौत पर मुझे सदमा भी है। वेटल ने कहा कि वो वहलडन से शख़्सी तौर पर वाक़िफ़ नहीं थे जब कि सुमन शैली से इस साल ही मुलाक़ात हुई थी। इस यादगार उम्र में इन की यादें मेरे साथ हैं।

जनसन बटन और अलांसो ने भी ऐसे ही जज़बात-ओ-एहसासात का इज़हार किया और कहा कि वो एक उल-मनाक हफ़्ता था, जब हमारे दो साथी मोहलिक हादिसात की नज़र होगई। डॉन को मैं अच्छी तरह जानता था और उन की मौत का दिन मोटर स्पोर्टस के लिए इंतिहाई उल-मनाक था। चुनांचे हिंदूस्तान की पहली रेस को डॉन वहलडन और मार्को सुमन शैली के नाम करदेना चाआई। वो आला सलाहीयतों के हामिल थे और बिलख़सूस उन की मोटर साईकल सवारी पर हर कोई दमबख़ुद होजाता था। अलांसो ने मज़ीद कहा कि जनसन और सीबासटीन ने कहा कि गुज़श्ता हफ़्ता इंतिहाई कठिन रहा जिस में हमें डॉन और मार्को की मौत देखना पड़ा था।