पटना
हिन्दुस्तान पहले सदर जम्हूरीया डाक्टर राजिंदर प्रसाद की 52 वीं बरसी के मौक़े पर उन्हें आज यहां भरपूर ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया गया। इस मौक़े पर सरकारी तक़रीब में शिरकत करते हुए चीफ़ मिनिस्टर नीतीश कुमार ने दरयाए गंगा के किनारे वाक़्य आँजहानी की समाधि पर गुलहाए अक़ीदत पेश किया और कहा कि जद्द-ओ-जहद आज़ादी में गिरांक़द्र तआवुन और दस्तूर साज़ी में उन के रोल को हमेशा याद रखा जाएगा और जलील-उल-क़दर ओहदे पर फ़ाइज़ होकर रियासत बिहार को इज़्ज़त बख़शी।
जबकि सदर जम्हूरीया प्रणब मुख़र्जी और गवर्नर बिहार केसरी नाथ त्रिपाठी की जानिब से एड डी कैंप मिस्टर राकेश कुमार दूबे और नायब सदर जम्हूरीया हामिद अंसारी की जानिब से डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अभय कुमार सिंह ने समाधि पर अक़ीदत के फूल निछावर किए। इस मौक़े पर बतौर एहतेराम 2 मिनट की ख़ामोशी मनाई गई। डाक्टर राजिंदर प्रसाद को सदर जम्हूरीया की हैसियत से पहली मर्तबा 1951 और दूसरी मर्तबा 1963 में मुंतख़िब किया गया था।