पाकिस्तान के गृह मंत्री ने दिये शरबत गुला की रिहाई का आदेश

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में नकली पहचान पत्र बनवाने के आरोप में गिरफ्तार हुई एक महिला शरबत गुला को रिहा करने का आदेश दिया गया है. तीस साल पहले नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका के कवर से मशहूर हुई अफ़ग़ान महिला शरबत गुला को पिछले हफ़्ते पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने गिरफ़्तार किया गया था. पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार ने आदेश दिया है कि शरबत गुला को रिहा कर दिया जाए. निसार के अनुसार शरबत को मानवीय आधार पर रिहा किया गया है लेकिन उनके मामले की जांच जारी रहेगी. पिछले सप्ताह पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने नेशनल ज्योग्राफिक के कवर से मशहूर हुईं अफ़ग़ान महिला शरबत गुला को पाकिस्तान का नकली पहचान पत्र बनवाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

एफआईए के सूत्रों ने बीबीसी को बताया था कि शरबत गुला को गिरफ्तार किया गया था लेकिन उनके परिवार के अन्य सदस्य भाग गए थे. एफआईए सूत्रों का कहना है कि शरबत गुला अफ़ग़ान नागरिक हैं और उनके ख़िलाफ़ दो साल पहले जांच शुरु की गई थी, लेकिन अब सबूत मिलने के बाद कार्रवाई की गई है.शरबत गुला वर्ष 1984 में अफ़ग़ान युद्ध के दौरान अपने परिवार के साथ पाकिस्तान आई थीं और शरणार्थियों के बनाए शिविर में ही रुक गई थीं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें ख्याति तब मिली जब नेशनल ज्योग्राफिक ने जून 1985 में अपने कवर पर उनकी तस्वीर छापी थी. तब वे 12 साल की थीं. शरबत की वो तस्वीर स्टीव मैक्करी ने खींची थी.

अपनी हरी आंखों के कारण मशहूर हुई शरबत गुला पर वर्ष 2002 में नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने डॉक्यूमेंट्री बनाई थी जिसके बाद वे ‘अफ़ग़ान युद्ध की मोनालिसा’ के नाम से मशहूर हो गई थीं. संयुक्त राष्ट्र संघ के आंकड़ों से पता चला है कि पाकिस्तान में लगभग 14 लाख पंजीकृत अफ़गान नागरिकों ने शरण ली हुए है. जबकि 10 लाख शरणार्थियों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया है.