पाकिस्तान के पत्रकारों पर पाबंदी के मामले को लेकर अमेरिका ने जताई चिंता

अमेरिका ने पाकिस्तान में पत्रकारों पर जोखिम और मुश्किलों का सामना किए जाने पर चिंता जाहिर की है।अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि मुझे प्रेस की स्वतंत्रता स्पष्ट रूप से वह मुद्दा है जो हम पाकिस्तान की सरकार के समक्ष नियमित उठाते रहे हैं। किर्बी ने कहा कि पाकिस्तान में प्रेस की आजादी को बांधने की कोशिशों से हम चिंतित है। हालांकि पाकिस्तानी पत्रकार सिरिल अल्मीड़ा पर हाल ही में विदेश यात्रा प्रतिबंध पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ये बयान सिरिस अल्मीड़ा पर कार्यवायी को लेकर आया है। आपको बता दे सिरिस अल्मीड़ा ने पाकिस्तान की सरकार और सैन्य नेतृत्व के बीच दरार के संबंध में खबर दी थी। जिसके बाद से ही पाकिस्तान सरकार ने उस पर कार्यवायी करते हुए उनके विदेश यात्रा पर पाबंदी लगा दी थी।

पाकिस्तानी पत्रकार अल्मीड़ा ने पाकिस्तान के एक अखबार में अपने रिपोर्ट के माध्यम से दावा किया था कि आईएसआई ने हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी समूहों पर कार्यवायी करने को पाकिस्तान सरकार को रोका था। जिसके बाद से ही पाकिस्तान असैन्य और सैन्य नेतृत्व के बीच रिश्ते खराब हो गए थे। देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अलग थलग पड़ गया है. इस खबर की वजह से अल्मीडा पर पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है

पाकिस्तान की तरफ अल्मीड़ा पर कार्यवायी पर सफाई देते हुए ये कहा गया है कि नेशनल सिक्युरिटी कमिटि की मींटिग को लेकर अलमीड़ा ने जिस तरह से रिपोर्ट की उससे ये संदेश गया है कि विदेश नीति पर यहां की चुनी हुई सरकार या प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के हाथ बंधे हैं। इस रिपोर्ट से ऐसा लगता है कि सिविल सरकार और सेना के बीच मतभेद है।

ज़ुबैर ने अलमीड़ा की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए ये भी कहा कि नेशनल सिक्युरिटी से जुड़ी इस तरह की मीटिंग का मसौदा बाहर नहीं आना चाहिए। और जब ये आया है तो यह जानना ज़रूरी है कि इसके पीछे कौन है। वे ये भी कहते हैं कि अगर मीटिंग में 20-25 लोग हों तो उनकी अलग अलग राय होना लाज़िमी है, लेकिन पत्रकार के तौर पर अलमीड़ा और मीडिया संस्थान के तौर पर डॉन बहुत प्रतिष्ठित होते हुए भी इसे सही ढंग से पेश नहीं कर पाए।