पाकिस्तान में ईसाइयों को लेकर बड़ा खुलासा, मचा बवाल!

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों पर जुल्म की खबरें लगातार आ रही हैं। वैेसे तो पाकिस्तान में चीनी नागरिक व्यापार व निवेश करने के नजरिए से आते हैं लेकिन पाकिस्तानी व विदेशी मीडिया की ख़बरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि कुछ चीनी लड़कें यहां रोजगार व निवेश के लिए नहीं बल्कि किसी ‘दूसरे ही उद्देश्य’ से आते हैं।

दरअसल, पाकिस्तान चीनी पुरुषों के लिए एक वैवाहिक बाजार बन गया है। चीनी पुरुष सैकड़ों ईसाई महिलाओं और युवतियों को शादी का झांसा देकर अपने देश ले जाते हैं और उनका शोषण करके वापस पाकिस्तान भेज देते हैं या देह व्यापार के दलदल में ढकेल देेते हैं। पीड़ितों के मुताबिक शादी के लिए चीनी लड़के गलत धर्म बताते हैं व नकली दस्तावेजों का सहारा लेते हैं।

19 साल की महक लियाकत ने चीनी नागरिक ‘ली ताओ’ के साथ शादी के बंधन में बंधी। कुछ महीने चीन में बिताने के बाद किसी तरह वापस स्वदेश (पाकिस्तान) आईं, महक ने बताया कि वह अपने पति के साथ एक महीने तक वहां रही, इस दौरान उसने कई अन्य लड़कियों को भी साथ लाते देखा।

उसने यहां मुझे यातनाएं दी। मुझे कहीं जाने नहीं दिया जाता था। महक ने आगे बताया कि वो तो मेरे दादा जी ने कई अन्य लड़कियों के माता-पिता से सम्पर्क किया जो चीनीयों के जाल में पहले भी फंस चुके थे। उन लोगों ने मुझ तक पहुंचने में उनकी मदद की और मुझे इस दलदल से निकालने में कामयाब रहे।

वहीं एक घटना और सामने आई है, मुक़द्दस अशरफ़ की जो सिर्फ 16 वर्ष की थीं जब उनके माता-पिता ने उनकी शादी एक चीनी व्यक्ति से कर दी, आरोपित चीनी नागरिक दुल्हन की तलाश में पाकिस्तान आया था। उसने मुक़द्दस से शादी किया लेकिन पांच महीने से भी कम समय के बाद मुक़द्दस वापस पाकिस्तान में अपने घर आ गईं हैं, वे गर्भवती हैं और अपने पति से तलाक चाहती हैं।

मुक़द्दस उस शख्स पर आरोप लगाते हुए कहती हैं कि वह मेरा हर वक्त मानसिक, शारिरिक रूप से शोषण करता था, मैं उसके साथ और नहीं रह सकती। ये तो कहानी थी महक और मुक़द्दस की, इनकी तरह ही कुछ लड़कियां तो अपने मुल्क वापस लौट आईँ हैं लेकिन न जाने कितनी ऐसी लड़कियां आज भी चीन के देह व्यापार के दलदल में फंसी हुईं हैं जो वापस अपने देश आने की सपने देख रही होगीं।

हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर निर्माण के तहत साल 2015 से ही चीनी नागरिक यहां आते-जाते रहते हैं। बताया जाता है कि बहुत से चीन के लड़कों ने पाकिस्तानी लड़कियों से शादी की और उन्हें चीन में सेक्स व्यापार में धकेल दिया।

इतना ही नहीं कुछ को तो ‘मानव अंगों’ की तस्करी के लिए भी इस्तेमाल किया गया। चीनी और पाकिस्तानी दलाल अल्पसंख्यक युवतियों व महिलाओं की तलाश करते रहते हैं। इस तस्करी में वे पादरियों व गरीब परिवारों से सम्पर्क करते हैं और वादा करते हैं कि आपकी लड़की से शादी कर रहे हैं।

इसके बदले में उनको कुछ रुपए भी देते हैं। इस लालच में आकर अनेकों गरीब परिवार अपनी लड़की का भविष्य किसी गैर के हाथों में सौंप देते हैं। इसको लेकर पाकिस्तान सरकार ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस प्रकार के फर्जी शादी से बचने की कोशिश करें।

हालांकि पाकिस्तान सरकार इस पर नरम रुख अख्तियार की हुई है। पाकिस्तानी व विदेशी मीडिया के भारी दबाव के बाद इस मामले में अभी तक सिर्फ 8 चीनी नागरिकों पर मामला दर्ज किया गया है।