पुलिसवाले को बीजेपी नेता ने दी ‘बुलंदशहर दोहराने’ की धमकी! FIR दर्ज

बीजेपी के हापुड़ यूनिट के जनरल सेक्रेटरी के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। उन पर हफीजपुर के एसएचओ के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और इलाके में ‘बुलंदशहर जैसे हालात’ पैदा करने की धमकी देने का आरोप है। बता दें कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना पुलिस थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की एक प्रदर्शन के दौरान हत्या कर दी गई थी। यह प्रदर्शन इलाके में कथित गोकशी के विरोध में हो रहा था।

वहीं, बीजेपी नेता पर मुकदमा दर्ज किए जाने की घटना की जानकारी देते हुए हापुर एसपी संकल्प शुक्ला के पीआरओ संजीव शुक्ला ने बताया, ‘बीजेपी के हापुड़ यूनिट के जनरल सेक्रेटरी प्रमोद जिंदल ने हापुड़ एसपी संकल्प शर्मा को फोन किया और हफीजपुर के एसएचओ के खिलाफ गाली गलौच वाली भाषा का इस्तेमाल किया। मारपीट के आरोप में बंद एक स्थानीय नेता को छोड़ने की मांग पूरी न होने पर उन्होंने ऐसा किया।’ शुक्ला ने दावा किया कि एसपी की अनुपस्थिति में उन्होंने कॉल रिसीव किया और उसे टैप भी किया। शुक्ला ने कहा, ‘जिंदल ने पशु तस्करों पर शिकंजा न कसने की स्थिति में 200 से 250 लोगों को इकट्ठा करने और इलाके में बुलंदशहर जैसे हालात पैदा करने की भी धमकी दी।’

बता दें कि रविवार को भटीना गांव के स्थानीय बीजेपी नेता 30 वर्षीय दुष्यंत की एक गांववाले कृष्णा से किसी बात पर बहस हो गई। इसके बाद, नेता ने कथित तौर पर उसकी पिटाई कर दी। कृष्णा ने इस मामले में हफीजपुर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया, जिसके बाद दुष्यंत को गिरफ्तार कर लिया गया। हफीजपुर के एसएचओ सुभाष चंद्र गौतम ने कहा, ‘हालांकि, 30 मिनट के अंदर स्थानीय बीजेपी नेता पवन सैनी और जिंदल ने मुझे कॉल किया और दुष्यंत को छोड़ने के लिए कहा। मैंने इनकार कर दिया।’ पुलिस का कहना है कि थाना प्रभारी के इनकार के बाद बीजेपी नेताओं ने हापुड़ एसपी को फोन किया और एसएचओ के खिलाफ ऐक्शन लेने के लिए धमकी दी।

एसपी ने कहा कि इस मामले की जांच हो रही है। वहीं जिंदल ने फोन पर बताया, ‘रविवार को मैंने एसएचओ से दरख्वास्त की थी कि दुष्यंत को छोड़ दें। उन्होंने न केवल मना किया बल्कि उसे जेल भी भेज दिया। मैंने हापुड़ एसपी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन उनके पीआरओ ने पिक किया। गुस्से में मैंने बुलंदशहर के स्याना जैसे हालात पैदा करने की धमकी दी। मैं मानता हूं कि मैंने क्रोध में कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाऊंगा जिसे योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि धूमिल हो।’