पुलिस ओहदेदारों के ख़िलाफ़ मर्कज़ी विज़ारत-ए-दाख़िला को कार्रवाई की अदालती हिदायत

नई दिल्ली: मर्कज़ी विज़ारत-ए-दाख़िला को दिल्ली की एक अदालत ने हिदायत दी है कि बाज़ सीनियर पुलिस ओहदेदारों के ख़िलाफ़ महिकमा जाती कार्रवाई की जाये क्योंकि उन्होंने ”फ़राइज़ से कोताही और लापरवाही’ का रवैय्या इख़तियार कर रखा है और एक शख़्स की मौत के बारे में तहक़ीक़ात करने और शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया।

अदालत ने कहा कि इस शख़्स की वालिदा गुज़िशता दो साल से जब कि इस शख़्स का इंतेक़ाल हुआ था हर एक से इल्तिजा करती आरही है ‘इस ने दिल्ली पुलिस कमिशनर से भी रब्त पैदा किया था लेकिन ना तो सरबराह पुलिस और ना शुमाली ज़िला के एसीपी ने उनकी शिकायात पर कोई मुनासिब कार्रवाई की।

सिर्फ उसकी शिकायत मुताल्लिक़ा स्टेशन हाउज़ ऑफीसर को रवाना कर दी गई। ख़ुसूसी जज बृजेश गर्ग ने सराय रोहेला पुलिस स्टेशन को मेरिट के साकिन मीचल जैन की मौत के बारे में एफ़आईआर दर्ज करने और क़तल की तहक़ीक़ात करने की हिदायत दी है। अदालत ने मजिस्ट्रेट की अदालत के हुक्म को कुलअदम क़रार दिया जिसमें जैन की वालिदा की शिकायत समात के लिए क़बूल करने से इनकार कर दिया था। उस के बाद उसने ख़ुसूसी जज की अदालत में दरख़ास्त पेश की थी|