पुलिस पर मकान में घुसकर युवक को गोली मार देने का आरोप

श्रीनगर: शहर के क्षेत्र बटामोला में 10 जुलाई को पुलिस फायरिंग में मारे गए एक युवक की लाश आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया, इस विशेष में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शब्बीर अहमद मीर की लाश आज कब्र से निकाला गया तो उसकी मौत के कारणों का पता चलाने के पोस्टमार्टम किया जा सके। पंचनामा के बाद शव को अस्पताल ले जाया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को यह आदेश दिया था कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश की निगरानी में 25 वर्षीय युवक की लाश का पोस्टमार्टम करवाया जाए। पहले महलूक पिता अब्दुर्रहमान मीर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीनगर के समक्ष एक याचिका पेश करते हुए आरोप लगाया था कि पुलिस ने 16 जुलाई को उनके घर में दाखिल होकर बेटे को मार डाला है और यह आग्रह किया है कि पुलिस कर्मचारियों सहित पुलिस अधीक्षक यासिर सर्वशक्तिमान के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। हालांकि पुलिस ने यह दावा किया है कि शब्बीर अहमद की मौत घाटी में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई है।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दो मौकों पर एसएसपी श्रीनगर को निर्देश दिया था कि पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। इस बीच राज्य सरकार ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में सी जे एम के आदेश को निरस्त करने के लिए एक आवेदन दिया था लेकिन हाईकोर्ट ने यह आदेश बरकरार रखते हुए कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। बाद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीनगर को एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए और इंस्पेक्टर जनरल पुलिस कश्मीर को निर्देश दिया कि दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया लेकिन पुलिस महानिरीक्षक भी इन आदेशों का पालन करने में असमर्थ रहे, जिस पर अदालत ने पुलिस महानिरीक्षक और एसएसपी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी। जिसके नतीजे में राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष ध्यान दिलाते की एक याचिका दाखिल की और अदालत अलियाह ने 9 अगस्त को दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई पर हुक्म जारी किया।