पूरे देश में इंडियन मुस्लिम तंजीमों ने किया आतंकवाद के खिलाफ एहतजाज

नई दिल्ली 81 नवंबर
 जमीअत उलमा -ऐ -हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी की घोषणा के मुताबिक़ फ्रांस की राजधानी पेरिस, तुर्की और लेबनान में आतंकवादी हमले के खिलाफ आज दिल्ली के जंतर-मंतर सहित देश के 75 से अधिक शहरों में जमीअत उलमा -ऐ -हिन्द से विरोध मार्च निकाला गया.दिल्ली के जंतर मंतर पर इस मार्च के बाद एक ज्ञापन राष्ट्रपति भारत, राजदूत फ्रांस, राजदूत तुर्की, राजदूत लेबनान और संयुक्त राष्ट्र और देश के दीगरबड़े शहरों में जमीअत उलमा -ऐ -हिन्द ने जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत किया।
दिल्ली में जंतर-मंतर पर हुए विरोध में जमीअत उलमा -ऐ -हिन्द के इन्वाइट पर मौलाना सैयद अहमद बुखारी (शाही इमाम जामा मस्जिद, दिल्ली), मौलाना बदर दीन अजमल (राष्ट्रपति जमीअत उलमा -ऐ -आसाम व सांसद), ) (प्रतिनिधि केंद्रीय जमीअत अहले हदीस), मौलाना सैयद मोहसिन (इमाम, शिया जामा मस्जिद, दिल्ली), जनाब इंतजार नईम (प्रतिनिधि जमाते इस्लामी) सैयद बुखारी, वी एन राय, गहरा व्यापक, डाक्टर जून दयाल ईसाई नेता, तथा अन्य संगठनों के सिर गए लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस मौके पर मोलाना महमूद मदनी ने कहा कि आतंकवाद कहीं भी हो, किसी के भी साथ हो, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, सिख या ईसाई, वह क़ाबिले मुज़म्मत है। आज आतंकवाद के नाम पर इस्लाम को निशाना बनाया जा रहा है। दुनिया के किसी भी कोने में आतंकवाद की कोई घटना होती है तो सबसे पहला नाम यही आता है कि इसके पीछे कोई मुसलमान है। जबकि इस आतंकवाद से सबसे अधिक नुकसान मुसलमानों का ही हो रहा है। यह सबसे बड़ा अत्याचार है कि पीड़ित रहने के बाद भी आज हमें तानाशाह कहा जा रहा है . आतंकवाद से इस्लाम का कोई लेना देना नहीं हे.जमीअत उल्माए हिन्द हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ है और रहेगा।