पेशावराना कोर्सेस की तालीमी फ़ीस में यकसानियत

हैदराबाद 30 अक्टूबर (सियासत न्यूज़ ) आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट की जानिब से पेशा वाराना कोर्सेस की तालीमी फ़ीस में यकसानियत पैदा करने से मुताल्लिक़ हुकूमत को दी गई हिदायत का ख़ौरमक़दम करते हुए ग्रेटर हैदराबाद कांग्रेस पार्टी के क़ाइद फ़िरोज़ ख़ान ने हुकूमत से मांग की कि वो स्कूलों की तालीमी फ़ीस में यकसानियत पैदा करने के इक़दामात करें ।

हाईकोर्ट ने आज एक फ़ैसला में एमबी ए एमसी ए और फार्मेसी कोर्सस की फ़ीस में यकसानियत पैदा करने की हुकूमत को हिदायत दी और कहा कि कन्वीनर और मैनेजमैंट कोटा की फ़ीस में कोई फ़र्क़ ना हो। ताहम अदालत में कॉलिजस के मयार के एतबार से फ़ीस में फ़र्क़ की इजाज़त दी है । फ़िरोज़ ख़ान ने हाईकोर्ट के इस फ़ैसला का ख़ैर मुक़द्दम करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में अदालत का ये फ़ैसला अवाम के हक़ में है और तलबा को भारी रक़ूमात ख़र्च करने की ज़रूरत नहिं पड़ेगी । उन्हों ने कहा कि कॉलिजस के इंतिज़ामीया मैनेजमैंट कोटा के नाम पर मनमानी फ़ीस वसूल कररहे हैं जिस से वालदैन पर भारी बोझ पड़ रहा है ।

उन्हों ने कहा कि रियास्ती हुकूमत को इस फ़ैसला पर फ़ौरी तौर पर अमल आवरी करनी चाहीए ता कि कॉलिजस के इंतिज़ामीया इस फ़ैसला को दूसरी अदालत में चीनलज ना करसकें । उन्हों ने कहा कि दस्तूर की रो-ए-से आम आदमी को तालीम में कोई रुकावट नहीं होनी चाहीए लेकिन कॉलिजस के इंतिज़ामीया ने हुकूमत के ओहदेदारों से मिली भगत के ज़रीया तालीम को ग़रीब और मतोसतन ख़ानदानों की दस्तरस से दूर करदिया है ।

उन्हों ने हुकूमत से मुतालिबा किया कि वो कॉलिजस के साथ साथ स्कूलों की फ़ीस को बाक़ायदा बनाने के इक़दामात करे । फ़िरोज़ ख़ान ने बताया कि गुज़शता दो बरसों से औलिया-ए-तलबा स्कूलों की फ़ीस में भारी इज़ाफ़ा के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद कररहे हैं और इस सिलसिला में हाईकोर्ट में मुक़द्दमा पेश किया गया । उन्हों ने कहा कि इबतिदाई तालीम केलिए स्कूल जिस क़दर भारी फ़ीस हासिल कररहे हैं ये फ़ीस कॉलिजस के पेशा वाराना कोर्सेस के बराबर हैं ।

उन्हों ने कहा कि परी प्राइमरी एजूकेशन की फ़ीस मयारी स्कूलों के नाम पर मनमानी वसूल की जा रही है । दाख़िले के वक़्त ही औलिया-ए-तलबा पर तक़रीबन 25 ता 50हज़ार रुपय का बोझ पड़ रहा है । शहर के टाप समझे जाने वाले स्कूलों में भारी फ़ीस के इलावा डोनेशन भी हासिल किया जाता है । इस तरह ग़रीब और मुतवस्सित तबक़ात के लिए मयारी तालीम मुम्किन नहीं है । फ़िरोज़ ख़ान ने हुकूमत से मुतालिबा किया कि वो फ़ीस सिस्टम को यकसाँ और आसान बनाने केलिए माहिरीन से मुशावरत के ज़रीया इक़दामात करे ।