प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी ने नहीं दिया मोदी को न्यौता, मनमोहन होंगे 200वीं सालगिरह पर मुख्य अतिथि

20 जनवरी को होने वाले 200वें सालगिरह के लिए प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी ने प्रधानमंत्री मोदी को न्यौता न भेजने का फैसला किया है। आयोजन समिति ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी को समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है। समिति ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने कार्यक्रम के लिए अपनी सहमति दे दी है।

हालांकि भले ही दोनों इस ऐतिहासिक मौके पर संस्थान के छात्रों को संबोधित करेंगे, दोनों ही इस विश्वविद्यालय के छात्र नहीं रहे है। कॉलेज भारत में ब्रिटिश शासन के शुरूआती दौर में स्थापित कॉलेजों में से एक है और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और रोनाल्ड रॉस इसके पूर्व छात्र रह चुके है। साथ ही स्वामी विवेकानंद, सत्यजीत रे, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, विभूतीशरण बंदोपाध्याय इसके पूर्व छात्र रह चुके है।

राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु और बुद्धदेव भट्टाचार्य भी इसी कॉलेज के छात्र रहे है। कॉलेज की स्थापना राजा राममोहन रॉय ने ब्रिटिश शिक्षाशास्त्री डेविड हरे के साथ मिलकर 1817 में की थी। इस पूरे घटनाक्रम ने कई लोगों को हैरान किया है। कमिटी के एक सदस्य ने कहा, “संस्थान के धर्मनिरपेक्ष इतिहास को ध्यान में रखते हुए उन्हें नहीं आमंत्रित करने का फैसला किया गया है।”