फारुक अब्दुल्लाह और उमर अब्दुल्लाह को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए दी गई याचिका!

हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) अध्यक्ष और सांसद फारूक अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती को लोकसभा चुनाव लड़ने से रोकने की मांग की गई है।

याचिककर्ता का आरोप है कि इन नेताओं ने हाल ही में देश विरोधी व अपमानजनक बयान दिए और उन्हें ट्वीट भी किए। याची ने साथ ही एनसी एवं पीडीपी पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है। इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई हो सकती है।

अधिवक्ता संजीव कुमार ने इस याचिका में कहा कि ये नेता अपनी-अपनी पार्टी के अध्यक्ष हैं और उनके विचारों का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। सांसद फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में वजीर-ए-आजम एवं सदर-ए-रियासत की मांग की है, जो कि अस्वीकार्य है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, महबूबा मुफ्ती ने भी धारा-370 हटाने पर कश्मीर का भारत से रिश्ता तोड़ने की बात कही है। याचिका में कहा गया है कि महबूबा, फारूक एवं उमर के देशद्रोही एवं सांप्रदायिक बयान भारतीय संविधान के खिलाफ हैं। हाईकोर्ट एवं निर्वाचन आयोग को इन्हें लोकसभा में प्रवेश करने से रोकना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि क्या यह लोकतंत्र का मजाक नहीं है कि जो लोग धर्म के आधार पर अलग प्रधानमंत्री की मांग करते हैं, उन्हें लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए।

याचिका के अनुसार दोनों पार्टियां कश्मीर में अपना वजूद तलाश रही हैं और अब धर्म के आधार पर एनसी एवं पीडीपी जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना चाहती हैं।