बंगाल में भाजपा जीत के लिए मुस्लिम उम्मीदवारों पर लगाएगी दांव!

बीजेपी पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अधिक संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने के बारे में सोच रही है. पार्टी का इरादा मुसलमानों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वोट बैंक में सेंध लगा कर एक बड़े हिस्से को अपने पाले में लेना है.

इस कदम से भगवा दल बीजेपी का मकसद पश्चिम बंगाल में सियासी रणनीति में बदलाव लाने का है. दरअसल इस साल की शुरुआत में स्थानीय निकाय चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने पर अच्छी संख्या में सीटें मिलने से पार्टी के हौसले बुलंद हैं. पार्टी ने तीन फेज के पंचायत चुनाव में 850 से अधिक मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था. उनमें से आधे उम्मीदवार विजयी रहे थे.

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में केवल दो ही मुसलमान उम्मीदवार उतारे थे. उसके बाद से बंगाल की राजनीति में बहुत बदलाव आए हैं और पार्टी माकपा को पछाड़ कर तृणमूल की मुख्य विरोधी बन गई है. बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने पीटीआई-भाषा से कहा कि राज्य में लगभग 30 फीसदी मुस्लिम आबादी को देखते हुए पार्टी अधिकाधिक संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार उतारने के बारे में विचार करेगी.

उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी में धर्म के आधार पर टिकट नहीं बांटे जाते लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की ओर से हमें कई आवेदन मिल रहे हैं जिनमें उनका कहना है कि वे हमारी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.’ पार्टी के बंगाल माइनोरिटी मोर्चा के प्रमुख अली हुसैन का भी यही मानना है कि बंगाल चुनाव में मुस्लिम निर्णायक हैं और पार्टी उनकी अनदेखी का जोखिम नहीं उठा सकती.

इधर तृणमूल नेता पार्थ चटर्जी का कहना है, ‘अल्पसंख्यकों का हम पर पूरा भरोसा है. पार्टी की रणनीति कुछ और नहीं बल्कि महज दिखावा है और अल्पसंख्यक उनके इरादों को जानते हैं.’