बकरी को माता मानकर उसका गोश्त खाना छोड़ें हिंदू- बीजेपी के उपाध्यक्ष

ट्विटर पर विचारों की जंग में इस बार त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय और नेता जी के पौत्र और पश्चिम बंगाल में बीजेपी के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस उलझ पड़े। भीड़ हिंसा पर अपने विचार रखते हुए ये नेता गाय से लेकर बकरी तक और नेता जी से लेकर महात्मा गांधी के विचारों तक पहुंच गये।

ट्विटर वॉर का ये मामला दरअसल नेता जी के पोते चंद्र कुमार बोस के बीजेपी शासित राज्यों में हो रही भीड़ हिंसा और इसके समर्थन में नेताओं और कार्यकर्ताओं के बयान को लेकर शुरु हुआ। जिस पर त्रिपुरा के राज्पाल ने भी तीखे जवाब दिए।

एक व्यंगात्मक बयान में बीजेपी नेता चंद्र कुमार बोस ने ट्विटर पर लिखा कि गांधी जी बकरी का दूध पीते थे इसलिए बकरी को माता मानते थे। एक बार बापू जब  उनके दादा शरतचंद्र बोस के घर- घर नं-1, वुडबर्न पार्क,कोलकाता में, आकर रुके तो उन्होने बकरी का दूध पीने की मांग की जिसे पूरा करने के लिए उनके घर दो बकरियां लाईं गईं। बोस ने अपनी ट्विट में ये भी लिखा कि गांधी हिन्दूओं के संरक्षक थे और बकरी को माता मानते थे इसलिए हिन्दुओं को मीट नहीं खाना चाहिए।

अब इस ट्वीट का जवाब राज्यपाल तथागत रॉय ने भी दिया और लिखा कि-  ‘ना ही बापू और ना ही आपके दादा ने कभी बकरी को माता कहा या माना, ये आपका निष्कर्ष है। ना ही कभी गांधी जी ने और ना ही किसी और ने खुद के हिन्दुओं के रक्षक होने का दावा किया। हम हिन्दू गाय को माता मानते हैं न कि बकरी को।  कृपया एेसी सड़ी बातों को फैलाना बंद करें’।

इन दोनों के बीच का ट्विटर वॉर यहीं नहीं थमा और कई ट्वीट देखने को मिले। बोस ने कहा- गांधी जी ने बकरी का दूध ही मांगा है तो साफ है कि वे बकरी को माता मानते है। बात बस यही है। इसे बहस या विवाद का मुद्दा ना बनायें। फौरन रॉय ने जवाब में कहा कि बकरी को माता मानने से क्या लेना-देना, गांधी जी के सबसे प्रिय शिष्य जवाहरलाल नेहरू कशमीरी पंडित थे,जिस समुदाय के सभी लोग मीट खाते हैं।
एक बार फिर चंद्र कुमार ने ट्वीट किया कि हम  निष्ठावान हिन्दू हैं और मानते हैं कि धर्म का इस बात से कोई लेना देना नहीं होता कि हम खाते क्या हैं। हम एेसी कट्टर सोच से घृणा करते हैं और एेसी आदिम जमाने की सोच का आज के भारत में कोई स्थान नहीं है।

इस पर फिर तथागत रॉय का जवाब आया कि मैं आपको समझ पाने में अक्षम हूँ, आपके ‘हम’ का मतलब ‘आप’ ही हैं ,ये ‘हम’ कौन हैं? और ये ‘आदिम सोच’ क्या है कि गाय हमारी माता है ? और गाय को माता मानने वाले लोगों की इस देश में कोई जगह नहीं ये आपकी सोच है? आपका जवाब मिल गया।
चंद्र बोस ने तथागत रॉय को जवाब देना जारी रखा और कहा कि ‘हम’ से मेरा मतलब प्रगतिशील भारतीयों से है…हम पशु प्रेमी और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाले लोग हैं लेकिन किसी जानवर को माता मत बनाईये।

तथागत ने सवाल करते हुए ट्वीट किया कि एक प्रगतिशील भारतीय की सोच क्या हो,क्या ये आपकी पार्टी से आपने साझा की है? अब इस बयान पर काफी विवाद हो रहा है जिसपर बीजेपी नेता ने ट्वीट कर अपील की है कि उनके बयान को सही संदर्भ में दिया जाए।